दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 दिसंबर
मनोहर कैबिनेट में दो नये चेहरों के साथ ही सरकार में जहां जाट समुदाय की ‘चौधर’ बढ़ी है वहीं वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व भी पूरा हो गया है। जाटों के प्रतिनिधित्व के बावजूद देशवाली जाट बेल्ट यानी रोहतक, झज्जर व सोनीपत पूरी तरह से राजधानी से ‘कटी’ हुई है। तीनों जिलों का सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं है। गठबंधन के चलते भाजपा की मजबूरी भी हो सकती है लेकिन जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन नहीं बन पाया है।
रोहतक, सोनीपत व झज्जर के अलावा नूंह, पलवल, चरखी दादरी व पानीपत जिलों से भी किसी को सरकार में जगह नहीं मिली है। जीटी रोड बेल्ट तथा बागड़ी बेल्ट के हिसार, सिरसा व फतेहाबाद जिलों का सरकार में पूरा वर्चस्व है। डॉ़ कमल गुप्ता और देवेंद्र सिंह बबली भी इसी बेल्ट से आते हैं। कैबिनेट में जाट मंत्रियों की संख्या पांच हो गई है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अलावा बिजली मंत्री रणजीत सिंह, कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल तथा महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा पहले से कैबिनेट में हैं। अब देवेंद्र बबली की भी एंट्री हुई है। वैश्य समाज से ज्ञानचंद गुप्ता को सरकार ने स्पीकर बनाया हुआ है और अब इसी कोटे से डॉ़ कमल गुप्ता को मंत्री पद मिला है। कह सकते हैं कि जाटों की नाराजगी को भांपते हुए गठबंधन सरकार ने उनका प्रतिनिधित्व सरकार में बढ़ाया है। रोहतक, सोनीपत, झज्जर, दादरी, नूंह और पानीपत जिलों में भाजपा विधायकों की संख्या भी कम है, लेकिन यहां से कोई मंत्री भी नहीं है। सोनीपत में छह सीटों में से गन्नौर व राई भाजपा के पास है वहीं पानीपत की चार में से दो सीटों पर भाजपा विधायक हैं। झज्जर में चारों सीट कांग्रेस के पास हैं और रोहतक की चार में से तीन पर कांग्रेस हैं तो महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू हैं। बलराज कुंडू ने सरकार को समर्थन भी दिया हुआ था, लेकिन बाद में उन्होंने वापस ले लिया। पलवल की तीनों सीटों पर भाजपा विधायक हैं। जीटी रोड बेल्ट के अधिकांश जिलों की सरकार में भागीदारी है। पंचकूला विधायक ज्ञानचंद गुप्ता स्पीकर हैं तो जगाधरी विधायक कंवरपाल गुर्जर को शिक्षा मंत्री बनाया हुआ है। अम्बाला कैंट से विधायक अनिल विज राज्य के गृह मंत्री हैं। कुरुक्षेत्र की पेहवा सीट से विधायक संदीप सिंह खेल राज्य मंत्री हैं तो कैथल के कलायत से विधायक कमलेश ढांडा को महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री बनाया हुआ है। करनाल का प्रतिनिधित्व खुद सीएम मनोहर लाल खट्टर करते हैं। जींद के उचाना कलां से विधायक दुष्यतं चौटाला उपमुख्यमंत्री हैं तो हिसार के उकलाना से जजपा विधायक अनूप धानक राज्य मंत्री हैं। नलवा से भाजपा विधायक रणबीर सिंह गंगवा को डिप्टी स्पीकर बनाया हुआ है। अब कमल गुप्ता भी कैबिनेट मंत्री बने हैं। वहीं सिरसा के रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह कैबिनेट मंत्री हैं। अब फतेहाबाद के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली कैबिनेट मंत्री बने हैं। भिवानी के लोहारू हलके से विधायक जयप्रकाश दलाल कृषि मंत्री हैं तो रेवाड़ी के बावल हलके के एमएलए डॉ़ बनवारी लाल सहकारिता मंत्री हैं और महेंद्रगढ़ के नारनौल से विधायक ओमप्रकाश यादव समाज कल्याण राज्य मंत्री हैं। इसी तरह फरीदाबाद के बल्लभगढ़ हलके से दूसरी बार विधायक मूलचंद शर्मा सरकार में परिवहन मंत्री हैं। मौजूदा विस्तार के बाद साफ हो गया है कि सरकार राव इंद्रजीत सिंह को ‘नाराज़’ करने के मूड़ में नहीं है। प्रदेश में भाजपा की लगातार दूसरी बार सरकार बनवाने में अहीरवाल बेल्ट की अहम भूमिका रही है।
अब चेयरमैनी से संतुलन बनाने की होगी कवायद
माना जा रहा है कि बोर्ड-निगमों में चेयरमैनी के मार्फत सरकार जातिगत व क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कवायद करेगी। तीन दर्जन के करीब बोर्ड-निगम राज्य में हैं। इनमें से एक दर्जन के करीब बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी जजपा के पास है। जल्द ही बोर्ड-निगमों में कुछ विधायकों को एडजस्ट किया जा सकता है। पूंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलन, नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, बादशाहपुर से निर्दलीय राकेश दौलताबाद, शाहबाद से जजपा विधायक रामकरण काला, पृथला से निर्दलीय नयनपाल रावत को सरकार ने चेयरमैन बनाया हुआ है। गुहला से जजपा विधायक ईश्वर सिंह के बेटे को सरकार ने चेयरमैन बनाया हुआ है। दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सिंह सांगवान भी चेयरमैन रह चुके हैं लेकिन उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग को हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन लगाया था, लेकिन उन्होंने यह पद लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में दादरी से पूर्व विधायक राजदीप फौगाट को सरकार ने इस बोर्ड की चेयरमैनी सौंपी। टोहाना के विधायक रहे व भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को चेयरमैन बनाया हुआ है और शाहबाद से पूर्व विधायक कृष्ण बेदी को सीएम ने अपना राजनीतिक सचिव लगाया हुआ है।
समाजसेवी से मंत्री पद तक
देवेंद्र बबली टोहाना से कांग्रेस की टिकट के प्रबलतम दावेदारों में शामिल थे। वे निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2019 में जेजेपी टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के सुभाष बराला को 52 हजार 302 मतों से शिकस्त दी। आंखों के चेकअप व ऑपरेशन कैम्प, गरीब बेटियों के विवाह, युवाओं के लिए खेल सामान सहित सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रम करवाते रहे हैं। बिढ़ाई खेड़ा गांव के बबली के दादा कैप्टन अमराव सिंह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ आजाद हिंद फौज के कैप्टन थे।
डॉक्टरी से कूदे राजनीति में
पेशे से डॉक्टर कमल गुप्ता की गिनती पुराने संघ नेताओं में होती है। 1980 में रोहतक मेडिकल कॉलेज से मास्टर ऑफ सर्जरी करने वाले गुप्ता पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 2012 में वे हिसार में भाजपा के जिलाध्यक्ष बने। 2014 में कांग्रेस की सावित्री जिंदल को चुनाव हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। 2019 में उन्होंने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता। खबरें हैं कि गुप्ता को कैबिनेट में शामिल करने की सिफारिश भी संघ की अेर से की गई। 10 साल तक वे मेडिकल प्रेक्टिस भी करते रहे हैं।
विज को छोड़ पूरी कैबिनेट रही मौजूद
मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम मनोहर लाल खट्टर व उनकी पूरी कैबिनेट मौजूद रही। अकेले गृह मंत्री अनिल विज ऐसे थे, जो राजभवन में नहीं दिखे। इस संदर्भ में विज से बात भी करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। शपथ ग्रहण समारोह में डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, कृषि मंत्री जेपी दलाल, बिजली मंत्री चौ़ रणजीत सिंह, सहकारिता मंत्री डॉ़ बनवारी लाल तथा राज्य मंत्री ओपी यादव, कमलेश ढांडा, सरदार संदीप सिंह व अनूप धानक, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा भी मौजूद रहे।