हिसार, 25 जून (हप्र)
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं सेवानिवृत्त आईएएस चंद्र प्रकाश ने कहा कि क्रीमीलेयर की आय को बढ़ाने की घोषणा मात्र करके भाजपा सरकार पिछड़ा वर्ग की हितेषी होने का ढिंढोरा पीट रही है जबकि असलियत यह है कि भाजपा सरकार में पिछड़ा वर्ग समाज के हितों के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ हुआ है। चंद्र प्रकाश ने आंकड़ों व तथ्यों के साथ बताया कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो 8 सितंबर, 1993 को ओबीसी क्रीमीलेयर को परिभाषित करते हुए इसमें वेतन और कृषि आय को क्रीमीलेयर आय सीमा से बाहर रहा और 27 मई, 2013 को क्रीमीलेयर आय सीमा बढ़ाकर छह लाख रुपये वार्षिक कर दी। यही सब प्रदेश में लागू रहा लेकिन भाजपा सरकार ने 17 अगस्त, 2016 को असंवैधानिक अधिसूचना जारी कर क्रीमीलेयर को एक से तीन लाख व तीन से छह लाख के दो भागों में विभाजित कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त, 2021 को इसको रद्द कर दिया। भाजपा सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई अधिसूचना जारी कर क्रीमीलेयर आय को दुबारा परिभाषित करते हुए इसमें वेतन व कृषि आय को भी शामिल कर दिया। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने ग्रुप ए व बी में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को दस प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया।
हुड्डा सरकार के दौरान अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में इस सरकार ने कोई बढ़ोतरी नहीं की है बल्कि इस पर भी आय सीमा लागू कर दी है। केंद्र सरकार ने 13 सितंबर, 2017 को क्रीमीलेयर आय सीमा को बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया लेकिन प्रदेश भाजपा ने आज करीब सात साल बाद ऐसा करने की सिर्फ घोषणा की है।