रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 3 नवंबर
हरियाणा सरकार की एजेंसी हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एक गोदाम से करीब 50 लाख रुपए कीमत की सरकारी गेहूं चोरी किए जाने के दर्ज मामले में सफीदों की सदर पुलिस आज करीब 2 साल बाद भी खाली हाथ है। 19 नवंबर, 2022 को इस कारपोरेशन के जिला प्रबंधक रोहतास दहिया ने सफीदों सदर थाना में शिकायत देकर 3601 कट्टे गेहूं जिसका वजन 1800 क्विंटल 50 किलोग्राम बनता है, के चोरी हो जाने का मामला इस कॉरपोरेशन की अनुबंधित सुरक्षा एजेंसी एपी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज कराया था। इस मामले में किसी को नामजद नहीं किया गया था। आज इस मामले को दर्ज हुए 2 साल से केवल एक पखवाड़ा ही कम हुआ है और स्थिति यह है कि इसकी फाइल सदर थाना में धूल फांक रही है। आश्चर्य इस बात का भी है कि दर्ज एफआईआर में चोरीशुदा गेहूं की कीमत केवल डेढ़ लाख रुपये अंकित की गई है जबकि विभागीय सूत्र बताते हैं कि इसकी कीमत करीब पचास लाख रुपये है।
‘मामले में कोई प्रोग्रेस नहीं’
आज सदर थाना के प्रभारी आत्माराम ने माना कि इस मामले में कोई प्रोग्रेस नहीं है। इसकी जांच दीपक कुमार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कारपोरेशन के जिला प्रबंधक ने सिक्योरिटी कंपनी के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कराया था लेकिन इसकी जांच में सिक्योरिटी एजेंसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में गेहूं की चोरी केवल एजेंसी कर्मचारी नहीं कर सकते। गोदाम के तालों की चाबियां विभागीय कर्मचारियों के पास होती हैं। उन्होंने बताया कि कई बार उनके प्रबंधकों को बुलाया गया लेकिन किसी की बदली हो जाने से यह मामला बीच में अटक गया।
नये प्रबंधक के आने पर खुला था राज
वर्ष 2021 के रबी सीजन में केंद्रीय पूल के लिए बड़ी मात्रा में गेहूं खरीद कर समीपवर्ती गांव रत्ताखेड़ा के वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के गोदाम में भंडारित की गई थी। यह गेहूं इसी कॉरपोरेशन ने खरीदी थी और इसका रखरखाव भी इसी को करना था और मांग पर यह गेहूं भारतीय खाद्य निगम के निर्देश पर जन वितरण प्रणाली या अन्य उद्देश्यों के लिए जारी होनी थी। मार्च 2022 में यहां के प्रबंधक का तबादला होने के बाद नए प्रबंधक ने गेहूं की हालत देख इसका चार्ज लेने से मना कर दिया। फिर जांच कमेटी ने इसकी जांच की तो इस गोदाम में बड़ी मात्रा में हेराफेरी पाई गई। इसमें पुराने बारदाने में भरे हुए खराब गेहूं के कट्टे बेतरतीब पड़े पाए गए। बहुत सारे कट्टों में रेत व छोटी कंकर भरी थी और सैकड़ों कट्टों में सड़ी स्थिति का गेहूं था। 22235 क्विंटल गेहूं को भारतीय खाद्य निगम ने मानव उपभोग के नाकाबिल करार देकर इसे केंद्रीय पूल से बाहर कर दिया था जिसे वेयरहाउसिंग कारपोरेशन ने करोड़ों के घाटे में नीलाम किया। इसके अलावा गेहूं के कट्टों की संख्या में कमी तथा 50 किलो की बजाय कम भरती पाए जाने पर 3601 कट्टों के वजन की शॉर्टेज पाई गई जिसे लेकर चोरी का मामला जिला प्रबंधक ने सदर थाना में दर्ज कराया था।