गोहाना, 15 जुलाई (निस)
नई सब्जी मंडी के बृहस्पतिवार को दोनों शेड अचानक गिरने से जिन दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी, उनमें से एक के परिजनों ने शुक्रवार को इसी मंडी के सामने शव को रख कर सड़क पर जाम लगा दिया। दूसरे मृतक के परिजनों ने भी आरोप लगाया कि महिला मेडिकल कॉलेज से जानबूझ कर शव देरी से दिया गया ताकि उसे जाम पर पहले शव के साथ न रखा जा सके। पहले मृतक के परिजन तब शव के दाह संस्कार के लिए तैयार हुए जब सी.एम. द्वारा घोषित 5 लाख रुपए का चेक मौके पर दे दिया गया तथा यह आश्वासन दिया गया कि मुआवजा बढ़ाने और डी.सी. रेट पर नौकरी का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। जाम से पहले सब्जी मंडी के गेट पर ताला लगा दिया गया।
नई सब्जी मंडी के दोनों शेड गिरने से शहर के देवी नगर के जग महेंद्र पुत्र देसूराम और रभड़ा गांव के संदीप पुत्र श्रीभगवान की मौत हो गई थी। जग महेंद्र ने मौके पर दम तोड़ दिया था जब कि संदीप की मृत्यु महिला मेडिकल कॉलेज में हुई। जग महेंद्र के शव का पोस्टमॉर्टम शहर के नागरिक अस्पताल में हुआ। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव को सीधे नई सब्जी मंडी के सामने लेकर पहुंचे तथा उसे बर्फ की सिल्ली पर रख कर सड़क पर जाम लगा दिया। इस जाम का समर्थन नई सब्जी मंडी के आढ़तियों और मासाखोरों ने भी किया। धरने पर आम आदमी पार्टी और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रमुख नेता भी डटे रहे।
जग महेंद्र के परिजन इस बात पर अड़ गए कि मुआवजा 5 लाख रुपए नहीं, एक करोड़ रुपए चाहिए जिसके साथ परिवार को एक सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए। मृतक के आश्रितों को समझाने के लिए जाम पर एस.डी.एम. आशीष वशिष्ठ और ए.एस.पी. निकिता खट्टर पहुंचे। एस.डी.एम. वशिष्ठ ने बाद में समीप में स्थित सरकारी विश्रामगृह पर आढ़तियों और मासाखोरों के साथ जग महेंद्र के परिवार से बातचीत की। इसी बातचीत में रेस्ट हाउस पर सी.एम. मनोहर लाल खट्टर द्वारा घोषित 5 लाख रुपए का चेक जग महेंद्र के परिवार को दे दिया गया। साथ में यह आश्वासन भी दिया गया कि मुआवजा बढ़वाने और डी.सी. रेट पर नौकरी का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। इस पर परिवार जाम खत्म करने के लिए तैयार हो गया। परिवार पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए ले गया।
प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा
एस.डी.एम. ने यह साफ नहीं किया कि परिवार को कितने और मुआवजे का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि शेड गिरने से जिन मासाखोरों का नुकसान हुआ है, उसकी पूर्ति भी की जाएगी तथा शेड गिरने की जांच करवा कर जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई होगी। उनके अनुसार घायलों का सरकारी खर्च से इलाज करवाया जा रहा है। रभड़ा गांव के संदीप के परिजन भी चाहते थे कि महिला मेडिकल कॉलेज से जैसे ही उनको शव मिले, वे भी उसे लेकर जाम की जगह पहुंच जाएं तथा उसे जग महेंद्र के शव के साथ रख दें। परिवार ने आरोप लगाया कि ऐसा न होने देने के लिए महिला मेडिकल कॉलेज में शव को देने में जानबूझ कर विलंब किया गया। चूंकि एस.डी.एम. के आश्वासन और 5 लाख रुपए का चेक तत्काल दे दिए जाने के बाद जग महेंद्र का परिवार जाम खत्म कर शव का अंतिम संस्कार करने चला गया, ऐसे में संदीप के शव को महिला मेडिकल कॉलेज से सीधे उसके पैतृक गांव रभड़ा में ले जाया गया। जाम खत्म होने के बाद नई सब्जी मंडी का ताला भी खोल दिया गया। दो गेटों में से एक गेट पर ताला लगाया गया था और दूसरे गेट को रस्सियों से बंद किया गया था। जाम करीब 4 घंटे चला। इस दौरान नई सब्जी मंडी में खड़े वाहन अंदर फंसे रहे।
संयोग से जिंदगी, मृतकों के साथ बेटे भी हो सकते थे शिकार
गोहाना (निस): गोहाना में नई सब्जी मंडी के दोनों शेड गिरने का हादसा ईश्वर की एक ऐसी लीला का गवाह बना, जोकि हरेक की जुबान पर है। हादसे के दोनों मृतकों के बेटों की अलग-अलग हालात में जान बच गई। हादसे के पहले मृतक शहर के देवीनगर के जग महेंद्र थे, वह गिरे शेड के पिलर के साथ बैठ कर सब्जी बेचने का मासा खोरी का काम करते थे। उनका बेटा आनंद भी उनके साथ बैठता था, लेकिन बृहस्पतिवार को हादसे के वक्त उसकी तबीयत खराब हो गई। उसे पेट में दर्द था, इसके चलते वह हादसे के दिन घर से ही नहीं आया। लोगों के अनुसार हादसे के वक्त अगर वह भी मौजूद रहता तो उसके साथ भी अनहोनी घट सकती थी। कुछ ऐसा ही रभड़ा गांव के दूसरे मृतक संदीप के साथ हुआ। उसका बेटा शहर के गीता विद्या मंदिर का छात्र है। उसने स्कूल की छुट्टी होने पर बेटे को इनोवा में अपने साथ बैठाया। रास्ते में उसने सोचा कि क्यों न सब्जी मंडी से सब्जी खरीदता चले। उसने बेटे को इनोवा में बैठे रहने को कहा। खुद सब्जी खरीदने के लिए शेड के नीचे चला गया। उसी समय शेड गिर गया। यदि संदीप अपने बेटे को इनोवा में छोड़ने की जगह अपने साथ ले गया होता, शायद बेटे के साथ भी कोई घटना घट सकती थी।