चंडीगढ़, 7 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने अजा व पिछड़ों के हित में बड़ा फैसला करते हुए प्रदेश भर में दलितों व पिछड़ों की चौपालों की मरम्मत के आदेश जारी किए हैं। इन कार्यों में ग्राम पंचायतों व संबंधित समुदाय के लोगों की भूमिका भी सुनिश्वित कर दी गई है। सरकार के इस फैसले से जहां अजा व पिछड़ों की पुरानी मांग पूरी हुई है वहीं सरकार से नाराज चल रहे पंचायत प्रतिनिधियों को भी शांत करने का प्रयास किया गया है।
हरियाणा में दलितों व पिछड़ों की चौपालों की मरम्मत को लेकर लंबे समय से मांग चल रही थी। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह मुद्दा उठा था। ग्रामीण क्षेत्रों में दलितों की चौपालें खस्ताहाल होने के कारण वोट मांगते समय भाजपा प्रत्याशियों को लोगों की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा था।
प्रदेश के कई गांवों में तो फंडे के अभाव में चौपालों के निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। कई केस ऐसे सामने आए हैं जहां पैसे जारी नहीं होने के कारण ठेकेदार काम बीच में छोड़कर भाग गया और जो ढांचा पहले से बना था वह गिरना शुरू हो चुका है।
बृहस्पतिवार को प्रदेश में चुनाव आचार समाप्त हो गई। इसके तुरंत बाद आज सरकार ने प्रदेश भर में दलितों व पिछड़ों की चौपालों की मरम्मत को मंजूरी प्रदान कर दी है।
विभाग के आयुक्त की ओर से पत्र किया गया जारी
विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव की तरफ से एमडी हरियाणा रूरल डेवलपमेंट फंड एडमिनिस्ट्रेशन बोर्ड को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि गांवों में दलित एवं पिछड़ा वर्ग की चौपालों की मरम्मत तथा अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को तुरंत प्रभाव से शुरू करवाकर पूरा करवाया जाए। इसके लिए पांच लाख रुपये तक की राशि ग्राम पंचायतों को दी जाएगी। संबंधित समुदाय के प्रतिनिधि तथा ग्राम पंचायत अपनी निगरानी में चौपालों के निर्माण कार्य को पूरा करवाएगी। जिन गांवों में पांच लाख रुपये से अधिक की धनराशि खर्च होनी है वहां पर ई-टेंडरिंग के माध्यम से वर्क अलाट किया जाएगा। जहां ई-टेंडरिंग से काम होगा वहां पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें गांव का सरपंच, जिस वार्ड में चौपाल का काम होना है वहां का पंचायत सदस्य तथा दलित एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित पंचायत सदस्य इस कमेटी में शामिल किए जाएंगे।