चंडीगढ़, 5 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू होगा। सत्र दो से तीन दिन चलने की उम्मीद है। इस दौरान राज्य की नायब सरकार कई अहम विधेयक सदन में पेश करेगी। नायब सरकार के पहले कार्यकाल में कई फैसलों को लागू करने के लिए सरकार ने अध्यादेश जारी किए थे। नियमों के हिसाब से छह महीनों के अंदर-अंदर अध्यादेश से जुड़े विधेयक सदन में पारित करने अनिवार्य हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने शीतकालीन सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। अगर यह बाध्यता नहीं होती तो फिर सीधे ही विधानसभा का बजट सत्र बुलाया जाता। शीतकालीन सत्र की अवधि को लेकर 12 या 13 नवंबर को विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक बुलाई जाएगी। इसी में सत्र में रखे जाने वाले विधायी कार्यों को भी मंजूरी दी जाएगी। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की ओर से शीतकालीन सत्र बुलाने को लेकर इजाजत दी जा चुकी है।
दरअसल, प्रदेश में नायब सरकार का गठन 17 अक्तूबर को हुआ था। अगले ही दिन यानी 18 अक्तूबर को हुई कैबिनेट की पहली बैठक में विधानसभा के सत्र को लेकर कैबिनेट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अधिकृत कर दिया था। इसी के चलते फिर से कैबिनेट बैठक बुलाने की जरूरत नहीं थी। सरकार की ओर से सत्र को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा गया था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से 13 नवंबर से शुरू होने वाले सत्र को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है।
शीतकालीन सत्र 13 नवंबर को राज्यपाल अभिभाषण से शुरू होगा। नियमों के हिसाब से नई सरकार के पहले ही सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण करवाया जाता है। इससे पहले 25 अक्तूबर को हुए एक दिवसीय सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण इसलिए नहीं हुआ क्योंकि यह सत्र केवल विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने के लिए बुलाया गया था।
सत्र में अभिभाषणा के बाद इस पर चर्चा भी होगी और फिर मुख्यमंत्री द्वारा विपक्ष के सवालों के जवाब दिए जाएंगे। 15 नवंबर को गुरुनानक जयंती, 16 को शनिवार व 17 नंवबर को रविवार का अवकाश रहेगा। ऐसे में अगर सत्र की अवधि तीन दिन रखी जाती है तो फिर 18 नवंबर को भी सत्र की बैठक बुलाई जा सकती है। दो दिन का सत्र होने की सूरत में बृहस्पतिवार यानी 14 नवंबर को ही सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। फरवरी के आखिरी या मार्च के पहले सप्ताह में बजट सत्र बुलाया जाएगा।
सीएलपी लीडर का फैसला भी लटका : प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस द्वारा अभी तक विधायक दल के नेता का फैसला नहीं किया गया है। अब सत्र की तारीख तय होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर सीएलपी लीडर को लेकर दबाव बढ़ेगा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस के पास ही रहेगा। 2019 से 2024 तक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। इस बार कांग्रेस की अंदरुनी कलह के चलते विधायक दल के नेता का फैसला लटका हुआ है।
”हरियाणा की 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र की बैठकें 13 नवंबर से शुरू होंगी। इस संबंध में हरियाणा विधानसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। सत्र की आगामी बैठकों के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं। सत्र की आगामी बैठक बुधवार को सुबह 11 बजे शुरू होगी। इससे पूर्व कार्य सलाहकार समिति (बीएसी) की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें सत्र के दौरान होने वाले कार्य पर चर्चा होगी।” -हरविंद्र कल्याण, विधानसभा स्पीकर