जगाधरी, 12 अप्रैल (निस)
विभाग के अधिकारियों की रेकी कर उनकी जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजकर बिना बिल रेत या अन्य खनन सामग्री से भरे ट्रकों को निकालने में मदद करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया और उसके 4 सदस्यों को अग्रसेन चौक से कार समेत गिरफ्तार किया। उनके मोबाइल की जांच करने पर अधिकारियों की लोकेशन मिली। आरोपियों में पिता-पुत्र भी शामिल हैं। अधिकारियों की लोकेशन सेंड करने के बदले उन्हें प्रत्येक ट्रक के हिसाब से डेढ़ से दो हजार रुपये मिलते थे।
सेक्टर-17 थाने में तैनात एएसआई इरशाद अली ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि कुछ लोग व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अधिकारियों की रेकी करते हैं और उनकी सूचना भेजकर खनन सामग्री से भरे ट्रकों को बिना ई-रवाना या बिना बिल निकालने में सहायता करते हैं। गिरोह के सदस्य अग्रसेन चौक के पास दो कारों में घूम रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने अग्रसेन चौक के पास दो कारों में सवार चार लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की और उनके मोबाइल कब्जे में ले लिये। उनके मोबाइलों में व्हाट्सएप पर कई ग्रुप बने थे। जिसमें अधिकारियों की लोकेशन व अन्य जानकारी सेंड की हुई थी। आरोपियों की पहचान अनाज मंडी प्रतापनगर निवासी महावीर सिंह और उसके बेटे जितेश तथा गांव लक्शीबांस निवासी धर्मपाल व उसके बेटे अक्षय के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे रेता या अन्य खनन सामग्री से भरे ओवरलोडिड वाहनों को निकलवाने में मदद करते है और प्रत्येक वाहन से प्रति माह 1500 से दो हजार रुपये लेते थे। पुलिस ने चारों आरोपियों व उनके मोबाइल कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
खंगाली जा रही मोबाइल की डिटेल
पुलिस के अनुसार, मोबाइलों की जांच करने पर पाया कि आरोपियों ने व्हाट्सएप पर कई ग्रुप एक्टिव थे। आरोपियों ने इन व्हाट्सएप ग्रुपों में खनन अधिकारियों व अन्य अधिकारियों की लोकेशन भेजी हुई थी। इसके साथ ही वायस मैसेज व अन्य चैट भी मिली है। साइबर सैल की मदद से मोबाइल की डिटेल खंगाली जा रही है।