बाढड़ा, 18 अप्रैल (निस)
उपमंडल क्षेत्र में शनिवार देर शाम आई तेज आंधी व बरसात से बाढड़ा मंडी के अलावा कादमा बेरला के खरीद केन्द्रों पर रखा गेहूं पूरी तरह भीग गया वहीं किसानों के खेतों में काटकर एकत्रित किया गया गेहूं भी खराब हो गया। अब मंडियों से भीगा हुए गेहूं को उठाने में कम से कम 2 दिन तेज धूप का इंतजार करना पड़ेगा। इसी तरह बेरला, कादमा में भी खुले मैदान में गेहूं के ढेर बरसात में पूरी तरह भीग गया। आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष हनुमान शर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष रामकिशन फौजी, आढ़ती बिजेन्द्र ढिल्लू, आढ़ती मंजीत नांधा आदि ने कहा कि उठान न होने से उनको मजबूरीवश दूसरी जगह अस्थाई खरीद केन्द्र बनाकर गेहूं खरीदना पड़ रहा है। वह पिछले एक सप्ताह से लगातार मंडी से उठान व भुगतान के लिए फरियाद कर रहे हैं लेकिन प्रशासन जानबूझ कर आंखें बंद किए हुए है और अब अनाज भीगने के बार सरकार ने शनिवार रविवार को खरीद बंद कर दी है।
सीएम के ओएसडी के सामने उठा अव्यवस्था का मुद्दा
सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल देर शाम दादरी पहुंचे। उनके समक्ष पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी की अगुवाई में क्षेत्र के किसानों ने उनसे मुलाकात कर बाढड़ा मंडी, कादमा, बेरला खरीद केन्द्रों पर उठान, भुगतान की समस्या उनके समक्ष रखी जिस पर उन्होंने आगामी 3 दिन में खरीदे गए गेूहं का दाना उठाने और आगामी 24 घंटे में खरीदे गए गेहूं की राशी किसानों के खातों में भेजने का आश्वासन दिया।
नहीं हो रहा गेहूं का उठान, खुले में पड़ी बोरियां
सफीदों (निस) : सफीदों उपमंडल क्षेत्र में मजदूरों की कमी से सरकारी खरीद की गेहूं का उठान नहीं हो पा रहा है। इससे किसानों और कच्चा आढ़तियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। फसलों का उठान न होने से मंडी में अनाज की बोरियों के ढेर और खुली गेहूं के अंबार लगे पड़े हैं। लदान के लिए मजदूर उपलब्ध न होने से रविवार को भी दर्जनों ट्रकों का काफिला अनाज मंडी में खड़ा दिखाई दिया और कच्चा आढ़ती भी मजदूरों के लिए इधर-उधर प्रयासरत दिखाई दिए। समस्या यह भी है कि जब तक सरकारी खरीद की गेहूं का खरीदार एजेंसी उठान नहीं कर लेती तब तक गेहूं का भुगतान किसानों के खाते में नहीं भेजा जाता और ऐसे में कच्चा आढ़तियों तथा खरीद एजेंसियों की ढील का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। उनका भुगतान सप्ताह भर से लटका हुआ है और मजदूर न मिलने से जल्दी इसके होने की उम्मीद भी नहीं है।
मजदूरों की व्यवस्था में है मतभेद : इस संदर्भ में मार्केट कमेटी के सचिव जगजीत कादयान ने बताया कि ट्रकों में गेहूं का लदान जो मजदूर करते हैं उनके ठेके की व्यवस्था जिला मुख्यालय से होती है। इस बार ठेकेदार के पास पर्याप्त मजदूर उपलब्ध नहीं हैं। दूसरी तरफ सरकारी खरीद एजेंसी हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रतिनिधि सुमित शर्मा का कहना है कि सरकारी खरीद के गेहूं की बोरियों के ट्रकों में लदान की जिम्मेदारी किसी ठेकेदार के पास नहीं होती बल्कि कच्चा आढ़ती खुद मजदूरों की व्यवस्था करता है। इसकी मजदूरी के बिल वे अपने कमीशन के बिल के साथ खरीद एजेंसी को देकर भुगतान ले लेते हैं।