हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 13 अगस्त
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के आयुर्वेदिक कॉलेज में चरक जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय की कुलाधिपति प्रतिनिधि डॉ. अंजना राव, रजिस्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह, आयुर्वेद कॉलेज के डीन डॉ.नीरज कुमार खरे, चिकित्सा प्रभारी डॉ.ललित कुमार, डॉ. सुभाष चन्द्र गुप्ता ने महर्षि चरक के चित्र पर माल्यार्पण किया और आमजन के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। इस मौके पर डॉ.अंजना राव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि चरक ने चरक संहिता में बताया कि इंसान की सेहत और बीमारी पहले से तय नहीं होती है बल्कि हम अपनी जीवन पद्धति से इसे निर्धारित करते हैं। अगर मनुष्य कोशिश करे और जीवन पद्धति को सही और संयमित रखे तो अच्छी सेहत आसानी से पा सकता है। चरक संहिता में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली धातु जैसे सोना, चांदी, लोहा, पारा का भी वर्णन भी किया है। रोगी व्यक्ति संतुलित एवं नियमित मात्रा में चिकित्सकीय परामर्श से इनका सेवन करता है तो वह अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकता है। विश्व में आज आयुर्वेद पद्धति का झंडा फहरा रहा है उसके जनक महर्षि चरक ही हैं। शास्त्रों में महर्षि चरक को शेषनाग का अवतार बतलाया गया है। आचार्य चरक ने इस संसार को बुद्धिमान व्यक्ति के लिए गुरु बताया तथा मूर्ख व्यक्ति के लिए शत्रु के समान। हमें महर्षि चरक द्वारा बताए नियम और संयम का पालन करना चाहिए, क्योंकि शरीर के स्वस्थ रहने पर ही मनुष्य इस संसार के समस्त सुखों का उपभोग कर पाता है।
इस मौके पर डॉ.अमृत, डॉ. राकेश मोहन आर्य, डॉ.प्रमिला आर्य, डॉ.सदानंद गुप्ता,डॉ.पीयूष लता, डॉ. अजय दहिया, डॉ. शिवांगी, डॉ. सूर्य प्रकाश, डॉ.निशा, डॉ. दीप्ति, डॉ. पूनम, डॉ.छवि, डॉ. लखन, डॉ. मोहित, डॉ.अनीता,डॉ. साक्षी सहित बीएएमएस के विद्यार्थी मौजूद थे।