अम्बाला शहर, 17 फरवरी (हप्र/निस)
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अपने आंदोलन की कड़ी में एक ओर जीटी रोड पर शंभू टोल प्लाजा पर धरना जारी रखेंगे और साथ ही 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लेंगे। भाकियू नेताओं ने दोनों स्थानों पर एक साथ आंदोलन चलाने की रणनीति भी बना ली है।
किसानों के रेल रोको आंदोलन के लिए पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। जानकारी के अनुसार रेल रोको आंदोलन के लिए किसानों को अम्बाला छावनी में शाहपुर गुरुद्वारा के पास 11 बजे एकत्र होने का आह्वान किया है। वहां से ठीक 12 बजे किसानों द्वारा पास की रेल पटडिय़ों पर बैठने की योजना है। हालांकि समझा जा रहा है कि आंदोलन के कारण अम्बाला कोई ट्रेन नहीं आने वाली लेकिन किसान अपने आंदोलन के तहत रेल पटडिय़ों पर बैठने की रणनीति बना चुके हैं।
अम्बाला में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेताओं में से एक अम्बाला-1 के प्रधान सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा ने रणनीति की पुष्टि करते हुए बताया कि रेल रोको आंदोलन 12 बजे से 4 बजे तक चलेगा जबकि शंभू टोल प्लाजा का आंदोलन रुटीन के अनुसार चलेगा। इसी बीच रेल विभाग व प्रशासन भी रेल रोको आंदोलन को लेकर पूरी तरह से सतर्क हो गया है। जीआरपी भी हर पल पर नजर रख रही है। अम्बाला रेल मंडल के अंर्तगत पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व उत्तर प्रदेश के कई रेलवे रूट आते हैं । ऐसे में किसानों द्वारा रेल रोके जाने के आहवान का रेल यातायात पर भी गहरा असर पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन से इन दिनों 84 रेलगाडिय़ों का प्रतिदिन आवागमन हो रहा है। ऐसे में किसानों ने दोपहर 12 से 4 बजे तक रेल रोकने का आहवान किया है। उस समय अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन पर 4 रेलगाडिय़ां आती व जाती हैं। ऐसे में रेल, जीआरपी और किसान आंदोलन को लेकर अपने अपने स्तर पर डटे हुए हैं।
किसान नेता बोले- आंदोलन एकदम शांतिपूर्वक
किसान भी अपने आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए प्रयासरत हैं और दावा कर रहे हैं कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी इसी प्रकार आंदोलन जारी रहेंगे। आने वाले समय में आंदोलन और अधिक तेज होंगे । किसान नेताओं के अनुसार उनका आंदोलन एकदम शांतिपूर्वक है। इसी बीच अम्बाला छावनी जीआरपी के थाना प्रभारी विलायती राम ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।