भिवानी, 21 अक्तूबर (हप्र)
त्रिवेणी बाबा ने स्थानीय हलवासिया विद्या विहार में प्रदूषण मुक्त दीपावली पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि एक अध्ययन के अनुसार आतिशबाजी के बाद हवा में धूल के महीन कण मौजूद रहते हैं। ये महीन कण सांस के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर खून में मिल जाते हैं, जिसके कारण भारत में हर वर्ष करीब 25 लाख लोगों की मृत्यु होती है। इसके उपरांत विद्यालय में त्रिवेणी भी रोपित की गई। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे आतिशबाजी करने की बजाय दीप जलाएं।