चंडीगढ़, 25 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों और सरकार के बीच वार्ता बेनतीजा रही। प्रदेश में करीब 1800 डॉक्टरों की हड़ताल के चलते बृहस्पतिवार को ओपीडी और आपात सेवाएं बंद रहीं। डॉक्टरों ने मांगों पर लिखित सहमति नहीं बनने के कारण शुक्रवार को भी ओपीडी और आपात सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है।
बृहस्पतिवार को हरियाणा सरकार के साथ हुई सात घंटे की बैठक में चार मांगों का नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के चलते एचसीएमएस एसोसिएशन ने हड़ताल जारी रहने का ऐलान किया। बैठक के बाद सिर्फ पीजी कोर्स के लिए भरे जाने वाले बांड के एक करोड़ रुपये को 50 लाख करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया, जबकि एसीपी को लेकर पेच फंस गया। गौर हो कि डाॅक्टर 4, 9, 13 साल की सेवा पर एसीपी की मांग कर रहे हैं, जबकि पहले से 5, 10, 15 साल पर दी जा रही है।
यहां हरियाणा निवास में दोपहर 12 बजे से मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और एचसीएमएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों में वार्ता हुई। दो दौर की बैठक में मांगों पर सहमति तो बनी, लेकिन नोटिफिकेशन पर मामला फंस गया। एसएमओ की सीधी भर्ती नहीं करने, ट्रेवल अलाउंस को लेकर सरकार ने साफ मना कर दिया। सरकार ने पॉलिसी लाने का आश्वासन दिया, लेकिन डॉक्टर नहीं माने। बैठक के बाद एसोसिएशन के राज्य प्रधान डाॅ. राजेश ख्यालिया ने हड़ताल जारी रहने का ऐलान किया। हालांकि, देर रात तक स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल के साथ बातचीत होती रही। गौर हो कि डॉक्टरों ने 15 जुलाई को दो घंटे ओपीडी सेवा बंद की थी।