झज्जर, 29 जुलाई (हप्र)
पालिका में बुधवार को हुई एक बैठक में बजट पास किया गया, जबकि शहर के विकास कार्यों से संबंधित दूसरी बैठक राजनीति की भेंट चढ़ गई। ऐसा नहीं कि पार्षद बैठक में भाग लेने के लिए नहीं पहुंचे। प्रधान कविता नंदवानी की अध्यक्षता में हुई बजट बैठक में उप-प्रधान प्रवीण गर्ग समेत लगभग सभी पार्षदों ने हिस्सा लिया, लेकिन जैसे ही विकास कार्यों को लेकर बैठक शुरू हुई तो प्रधान का असंतुष्ट खेमा वहां से खिसकना शुरू हो गया। देखते ही देखते असंतुष्ट खेमे के सभी पार्षद खिसक गए। प्रधान के प्रतिनिधि उमेश नंदवानी ने इस बैठक के लिए पार्षदों को रोकने का भी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं रुके। सचिव अरुण नांदल ने कोरम पूरा न होने की बात कहकर बैठक स्थगित कर दी।
मनोनीत पार्षदों ने की वाेटिंग पावर की मांग : मनोनीत पार्षदों ने बैठक में उनकी गिनती करने की बात कही, लेकिन सचिव ने कहा कि पालिका एक्ट के अनुसार जो पार्षद चुनकर आए है, वहीं वोटिंग के हकदार है। कोरम पूरा होने के लिए 12 सदस्यों की जरूरत है, लेकिन फिलहाल बैठक में 11 पार्षद मौजूद है। बाद में मनोनीत पार्षदों ने इस बात को लेकर एतराज भी उठाया। उनका कहना था कि जब उनकी पूछ ही नहीं है तो फिर उन्हें बैठक में बुलाया ही क्यों जाता है।
बैठक में बाहर से पहुंचे लोग, किया हंगामा
पालिका बोर्ड की बैठक में जिस समय पार्षद नए बजट को लेकर चर्चा कर रहे थे, तभी पीएमवाई योजना का लाभ लेने के लिए कई दिनों से चक्कर काट रहे लोग भी वहां आ पहुंचे और हंगामा किया। बड़ी संख्या में आये शहर के लोगों का कहना था कि उन्होंने पालिका की तरफ से मांगे गए फार्म भरकर दिए। पालिका की फाइनल सूची में उनका नाम होने पर उन्होंने मकान की किस्त के इंतजार में अपने मकान भी तुड़वा दिए, अब पालिका ने उन्हें कैंसलेशन नोटिस थमा दिए है। हंगामा देखकर प्रधान कविता नंदवानी उनके बीच पहुंची और कहा कि वह इस मामले को डीसी के संज्ञान में लाएगी। उम्मीद है कि उनकी समस्या का समाधान
हो जाएगा।