चंडीगढ़, 18 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा को अस्तित्व में आए 54 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी पलवल व नूंह जिलों की जनसुविधाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार का नियंत्रण है। इसी के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा विधानसभा में पिछले 10 वर्षों से यह मुद्दा लगातार उठ रहा है, लेकिन हरियाणा व यूपी में अंतरराज्जीय विवादों का हल नहीं हुआ है। हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विधायक दीपक मंगला ने पलवल में सिंचाई वाले पानी के संकट तथा यमुना नदी पर बांध बनाने का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री के माध्यम से कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि पलवल जिले में पानी सप्लाई देने वाले चैनलों का स्वामित्व आज भी उत्तर प्रदेश सरकार के पास है। यहां किसी प्रकार के डैम आदि का निर्माण करने, पुलों का मरम्मत आदि के लिए हर तरह का अनापत्ति प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश सरकार के पास से लेना पड़ता है।
दलाल ने कहा कि इस संबंध में हरियाणा के संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ बातचीत की जा रही है। होडल के विधायक जगदीप नैय्यर तथा नूंह के विधायक आफताब अहमद ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि पलवल ही नहीं नूंह जिले में भी पानी सप्लाई करने वाले चैनलों का कंट्रोल उत्तर प्रदेश के पास है।
उन्होंने कहा कि आज भी कई कार्यों के लिए इंटर स्टेट मंजूरी लेनी पड़ती है। आफताब अहमद ने कहा कि जब तक यह मुद्दा सरकार के स्तर पर नहीं उठेगा तब तक समस्या का समाधान नहीं होगा। कृषि मंत्री दलाल ने कहा कि यह गंभीर मामला है। इसे बहुत जल्द सरकार के स्तर पर ही उत्तर प्रदेश सरकार के साथ उठाकर समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा। फरीदाबाद में सीवर लाइन बिछाने के काम में उत्तर प्रदेश सरकार बाधा बन गई है। यूपी वन विभाग द्वारा एनओसी नहीं दिए जाने के कारण अभी काम शुरू नहीं हो सका है। फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता ने खेड़ी पुल फरीदाबाद से मिर्जापुर एसटीपी तक सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य अलॉट करने वाली कंपनी तथा निर्माण कार्य के बारे में सरकार से जवाब मांगा।