घरौंडा, 3 फरवरी (निस)
कोहंड गांव में बिना कब्जे छुड़वाए तालाब (पोंड) के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किये जाने पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। साथ ही पोंड के चारों तरफ बनाये जाने वाले पाथ-वे को लेकर भी लोगों ने एतराज जताया है। ग्रामीणों की मानें तो पाथ-वे बनाए जाने से तालाब का एरिया काफी कम हो जाएगा, जिससे जोहड़ और भी ज्यादा छोटा हो जाएगा। इससे पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने चेताया है कि जब तक तालाब के चारों तरफ के कब्जों को नहीं हटवाया जाता और तालाब का एरिया पहले की तरह नहीं रखा जाता, वे निर्माण नहीं होने देंगे।
सरकार तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य करवा रही है। तालाबों के सौंदर्यकरण को बढ़ाने के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है। इसी कड़ी में कोहंड गांव में भी 40 लाख रुपए की लागत से सिंगल पोंड के निर्माण का कार्य किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। ग्रामीण अंग्रेज सिंह, संजीव कुमार, वेदपाल व अन्य का कहना है कि प्रशासन ने बिना निशानदेही करवाए और बिना कब्जों को हटवाए प्रशासन ने तालाब के जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया है। पोपलेन मशीन की सहायता से जोहड़ के चारों तरफ के स्लॉप की ईंटों को उखाड़ दिया गया है और खुदाई का काम भी किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर जोहड़ को छोटा करने का काम किया जा रहा है। तालाब के अंदर की तरफ चारों ओर 16 फुट चौड़ा पाथ-वे बनाया जाएगा और इसका स्लॉप करीब 35 फुट का होगा। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पूरे तालाब में 35 फुट का एरिया कवर किया गया तो तालाब का साइज छोटा हो जाएगा और ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यदि प्रशासन तालाब का जीर्णोद्धार करना चाहता है तो वह पहले तालाब की निशानदेही करवाए और अवैध कब्जों को छुड़वाने के बाद जो जगह बचती है, उस पर पाथ-वे का काम करे। प्रशासन उनकी बात पर अमल नहीं करता है तो तालाब का काम आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।