जींद, 1 जुलाई (हप्र)
जिला के देवरड़ गांव में स्कूल के नवनिर्माण को लेकर शुक्रवार को ग्रामीण डीसी दरबार पहुंचे और स्कूल के निर्माण की गुहार लगाई। देवरड़ गांव में चार सालों से स्कूल के निर्माण के लिए ग्रांट नहीं आई है, जिसके चलते छात्रों को प्राईमरी स्कूल का सहारा लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
आलम यह है कि स्कूल में कमरे पूरे नही होने के कारण एक एक कमरें में दो कक्षाएं लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि गांव में स्कूल का निर्माण करवाया जाए ताकि स्कूल में छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो। देवरड़ गांव की भगत सिंह युवा समिति के अध्यक्ष मोहित फौगाट ने बताया कि स्कूल की इमारत पुरानी होने के कारण विभाग द्वारा कंडम घोषित की गई थी। विभाग द्वारा बोली करवाकर इमारत को तो बेच दिया, लेकिन चार साल बीत जाने के बावजूद अभी तक विभाग ने स्कूल की कोई सुध नहीं ली है।
ग्रामीणों की मांग है कि स्कूल का जल्द से जल्द नवनिर्माण करवाया जाए ताकि छात्रों को हो रही परेशानी से निजात मिल सके।
घट रही छात्रों की संख्या
स्कूल में बिल्डिंग नहीं होने से लगातार छात्रों की संख्या घट रही है। जो छात्र स्कूल जाते हैं उन्हें भी या तो बरामदें में बैठकर पढऩे पर मजबूर होना पड़ता है या फिर दूसरे प्राइमरी स्कूल में बैठने पर मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूल में सुविधा नहीं होने से अभिभावकों को छात्रों को निजी स्कूलों में भेजने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जिसके चलते इसका सीधा असर उनकी जेब पर भी पड़ रहा है। कई बार इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को की गई लेकिन वहां से भी कोरा आश्वासन ही ग्रामीणों को हाथ लगा। ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्कूल की बिल्डिंग नहीं बनी तो रविवार को गांव में पंचायत कर आंदोलन किया जाएगा। एक ओर जहां पहले स्कूल में 600 से उपर छात्र सरकारी स्कूल में जाते थे वहीं दूसरी ओर अब मात्र 200 छात्र ही रह गए हैं।