भिवानी, 21 अक्तूबर (हप्र)
राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि भारतीय कला एवं संस्कृति विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। हमें अपने देश, अपनी भाषा, संस्कृति एवं संस्कारों पर गर्व करना चाहिए। वह सोमवार को चौ बंसीलाल विश्वविद्यालय में हरियाणा कला परिषद कुरुक्षेत्र, कला जीवन समिति एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय कला कार्यशाला एवं कला प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारे शिल्पकारों, कलाकारों और दस्तकारों का विश्व में कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। आज भी राजस्थान में प्राचीन हवेलियों पर की गई चित्रकारी और दस्तकारी सैकड़ों वर्षों बाद भी सजीव लगती हैं। जब लिपि का आविष्कार नहीं हुआ था तब भी शिल्पकारों एवं दस्तकारों ने अपनी कला के माध्यम से हमें समझाया था। हमारी भाषा का सबसे बड़ा वैज्ञानिक महत्व है। उन्होंने विश्वविद्यालय को सांसद निधि से 11 लाख की राशि से भेंट की गई दो ई-रिक्शाओं को विश्वविद्यालय को समर्पित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की मांग पर सरकार व सांसद निधि से इलेक्ट्रिक बस उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि कला हमें जीना सीखती और हमें संदेश देती हैं। हिंदू धर्म ज्ञान का धर्म है।
उन्होंने कहा कि कला हमें आत्मविश्वास हासिल करने और नये कौशल सीखने में मदद करती है। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. सुरेश मलिक ने सभी अतिथियों का स्वागत। विद्यार्थियों की कला प्रदर्शनी का अतिथियों ने अवलोकन किया। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शंकर धोपड़, कुलसचिव डॉ. ऋतु सिंह, प्रो. ललिता गुप्ता, डॉ. अश्वनी, डॉ. सोनल शेखावत, डॉ. आनंद, सुनील, संगीता, श्रीलंका से सुमनराज, पीआरओ प्रभारी ऋषि शर्मा, सुपरवाइजर रविंद्र शर्मा उपस्थित रहे।