कुरुक्षेत्र, 9 जुलाई (हप्र)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग की ओर से शुक्रवार को ‘हड़प्पा सभ्यता एवं संस्कृति का 100 वर्ष का इतिहास : बदलते प्रतिमान’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। इसमें बतौर मुख्यातिथि के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा थे। उन्होंने हडप्पा संस्कृति, प्राचीन धर्म और राखीगढ़ के हाॅल ही में हुए उत्खनन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. जेएस खरकवाल, निदेशक, दीनदयाल उपाध्याय जेआरएन राजस्थान विद्यापीठ, राजस्थान ने पंजाब और हरियाणा ने बृहतर सैंधव सभ्यता एवं संस्कृति के 100 साल के इतिहास को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने मेहरगढ़, किल्ली गुल मुहम्मद, कोट्ट दीजी आदि पाकिस्तान में स्थित स्थानों की सैन्धव संस्कृति के प्रारम्भिक काल में महत्ता पर जोर दिया। हडप्पा सिन्धु सरस्वती सभ्यता के बलुचिस्तान पंजाब (पाकिस्तान), गुजरात, पंजाब (भारत) हरियाणा में मिले स्थलों और प्राचीन वस्तुओं के सिन्धु संस्कृति सभ्यता को समृद्ध करने के योगदान पर प्रकाश डाला। संस्कृति की अनेक वस्तुओं को स्क्रीन के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने 1921 से हडप्पा संस्कृति की खोज से लेकर 2021 तक की खोजों को विस्तार के साथ प्रतिभागियों के साथ सांझा किया। वेबिनार में 600 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया था।