दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 7 नवंबर
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा विधानसभा में पास किए गए राइट टू रि-कॉल विधेयक पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस सरकार के नये कानून से सहमत नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा का कहना है कि यह बिल लोकतंत्र पर प्रहार है। उनका कहना है कि जब इस तरह का कानून सांसद व विधायकों के लिए नहीं है तो फिर पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों पर कैसे लागू हो सकता है। शनिवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में सैलजा ने कहा कि यह बिल पूरी तरह से जनविरोधी है। सैलजा ने प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाने और मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने नगर निगमों में मेयर के डायरेक्ट इलेक्शन करवा दिए तो फिर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला औचित्यहीन है। सैलजा ने कहा कि राइट टू रि-कॉल जैसे कानून प्रदेश में विकास कार्यों को पूरी तरह से ठप कर देंगे। इससे सामाजिक ताना बाना टूटेगा। इससे निरंतर अस्थिरता का माहौल बना रहेगा। बार-बार चुनाव होने से पैसों व संसाधनों की भी बर्बादी होगी। यदि बार-बार निर्वाचित उम्मीदवार को खारिज करना शुरू कर दिया गया तो बार-बार चुनाव किए जाएंगे।