बल्लभगढ़, 4 नवंबर (निस)
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि पुण्य प्रबल होता है तो शिव महापुराण की कथा होती है। बीज भूमि में डालने पर अंकुरित होगा, यह सत्य है। संत का काम परमात्मा के मंदिर तक पहुंचाना है। दुख में कर्म ही साथ देता है। विपरीत परिस्थितियों में कर्म ही साथ देता है। शिव को एक लोटा जल चढ़ा रहे हो तो कल्याण अवश्य होगा। जहां शिव महापुराण की कथा होती है वहां शिव का कैलाश व पृथ्वी के द्वादश ज्योतिर्लिंग आ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि शिव महापुराण की कथा में पद, प्रतिष्ठा, कुर्सी को घर छोड़करर आएं। कथा में पद का अभिमान नहीं होना चाहिए। पंडाल में जहां स्थल मिले, वहीं बैठ जाना चाहिए। विशिष्टता नहीं दिखानी चाहिए। उन्होंने शिव महापुराण की कथा में पहुंचे श्रद्धालुओं को माथे पर तिलक और विल्व पत्र की महत्ता बतायी। वह सोमवार को उद्योगपति प्रवीण पाराशर एवं हेमलता पाराशर द्वारा आयोजित फरीदाबाद आईएमटी स्थित सेक्टर-66 में शिव महापुराण की कथा करने पहुंचे हैं। यह कथा 5 दिन तक चलेगी। जिसमें आज पहला दिन रहा।
बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने लिया कथा का आनंद
कथा में पहले ही दिन दूर-दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। वहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए। भारी भीड़ के बीच किसी तरह की अव्यवस्था न हो, इसके लिए भारी संख्या में पुलिस की तैनाती के अलावा निजी सुरक्षा एजेंसियों की मदद ली गई। व्यवस्था बनाए रखने के लिए फरीदाबाद के आसपास जिलों से भी पुलिस को बुलाया गया है। इसके अलावा किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए नर्सिंग स्टॉफ और डॉक्टरों की टीम के साथ एंबुलेंस को तैनात किया गया है। कथा स्थल में श्रद्धालुओं के लिए लगभग 15 एकड़ में वाटर प्रूफ पंडाल तैयार किया गया है। करीब 25 एकड़ में पार्किंग बनाई गई है। हरियाणा ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश और यूपी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।