हरेंद्र रापड़िया /निस
सोनीपत, 8 जुलाई
पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में आयोजित विरोध प्रदर्शनों को किसानों के अलावा आम आदमी का साथ मिलने पर संयुक्त किसान मोर्चा गदगद है। भीषण गर्मी में धरना स्थलों के अलावा टोल प्लाजा, हाईवे पर आयोजित विरोध प्रर्दशनों में किसानों के साथ जनमानस खासकर महिलाओं की भागेदारी के बाद एसकेएम अब भविष्य में आम आदमी के मुद्दों को किसान आंदोलन से जोड़ने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया था। क्रम में 10 बजे से 12 बजे के बीच में धरना स्थलों, टोल प्लाजा, हाईवों के अलावा अपने इलाकों में प्रदर्शन करने की अपील की गई थी। 8 मिनट तक अपने वाहनों के हॉर्न भी बजाना आज के प्रदर्शन में शामिल था। अनेक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। संयुक्त किसान मोर्चा की माने तो ईंधन की बढ़ी कीमतों से न केवल किसान बल्कि आम आदमी भी त्रस्त है। इसलिए प्रदर्शन में किसानों के अलावा आम आदमी ने भी भागेदारी की। रसोई गैस के सिलेंडर मंहगे होने के कारण बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। इतना ही नहीं प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ, सीटू, इंटक, जनवादी महिला समिति समेत अनेक कर्मचारी व मजदूर संगठनों ने समर्थन दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शनपाल का कहना है कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से केवल किसान ही नहीं बल्कि आज आदमी भी पस्त हो चुका है। आम आदमी की परेशानी को देखते हुए हमने इस बार अपने प्रदर्शन में उनके मुद्दे को भी शामिल किया था। इसका आज जबरदस्त रूझान मिला है। डा. दर्शनपाल का कहना है कि आम आदमी के जुडऩे से किसान आंदोलन को एक नई ताकत मिलना तय है।
देशभर में किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा के बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिव कुमार शर्मा, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आज पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किए गए। इसमें किसानों, कर्मचारी संगठनों, आम आदमी और महिलाओं की भी हिस्सेदारी रही। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तमिलनाडू में प्रदर्शन की खबरें मिल रही है।
डीसी को साैंपा ज्ञापन
किसानों, मजदूरों व कर्मचारियों ने कई जगह प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले लघु सचिवालय पर धरना दिया और उसके बाद हनुमान मंदिर के पास से होते हुए डीसी कार्यालय पहुंचे। किसानों ने राष्ट्रपति के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें पेट्रोल-डीजल व गैस के दाम आधे करने और कृषि कानून रद्द करने की मांग की गई। इस दौरान श्रद्धानंद सोलंकी उपाध्यक्ष अखिल भारतीय किसान सभा, आनंद शर्मा जिला प्रधान सीटू, डा. राजेश दहिया भाकियू, दलबीर सिंह किसान पंचायत हरियाणा मौजूद रहे।
कॉर्पोरेट घरानों को दिया महंगाई बढ़ाने का अधिकार
गुरुग्राम (हप्र) : नेशनल हाईवे 48 के किनारे राजीव चौक पर विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन्होंने कहा कि सरकार महंगाई को रोक पाने में पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। उल्टा महंगाई बढ़ाने का अधिकार काॅर्पोरेट घरानों के हाथों में सौंप दिया गया है। सरसों का तेल 200 रुपये तथा डीजल-पेट्रोल शतक लगा रहे हैं। यही हाल घरेलू गैस का भी है। विरोध प्रदर्शन में महिलाएं घरेलू गैस सिलेंडर लेकर पहुंची थी। इस दौरान संतोख सिंह, धर्मवीर राठी, अनिल पंवार, धर्मबीर परवाल, जयप्रकाश रेहडू, बलवान सिंह दहिया, डॉक्टर सारिका वर्मा, भारती देवी मौजूद थीं।
‘सरकार ने तो सब्सिडी ही छीन ली’
फरीदाबाद (हप्र) : किसान नेता एवं इनेलो की महिला जिला अध्यक्ष जगजीत कौर पन्नू ने किसान मजदूर को साथ लेकर मथुरा नेशनल हाईवे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में समाजसेवी एवं एनआईटी इनेला के हल्का अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने कहा कि भाजपा 2014 से पहले सत्ता में आने के लिए जनता को बड़े-बड़े लोक लुभावने वायदे करती थी। फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर तो लोगों को जजिया कर से मुक्त करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपने ही लोकसभा क्षेत्र के बीचों बीच टोल प्लाजा शुरू करा दिया। जगजीत कौर पन्नू ने कहा कि रोज-रोज बढ़ते तेल के रेट से आम जनता परेशान हो चुकी है। इतना ही नहीं सरकार ने लोगों की सब्िसडी भी छीन ली है।
वाहन खड़े कर किया ताली-थाली प्रदर्शन
रोहतक (हप्र) : किसानों ने डीसी कार्यालय के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भाकियू (अ) के नेता अनिल नांदल, किसान नेता प्रीत सिंह, इंदरजीत सिंह ने किया। कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने अपने वाहन रोड पर खड़ा कर पेट्रोल, डीजल तेल व गैस सिलेंडर की कीमतों के खिलाफ ताली थाली बजाकर सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए प्रदर्शन किया। भाकियू नेता अनिल नांदल ने कहा कि सरकार हर रोज तेल व रसोई गैस की कीमत बढ़ाकर जनता के साथ घोर अन्याय कर रही है। जब तक सरकार किसान व आम जनता के साथ इस तरह अन्याय करती रहेगी तब तक उनके प्रदर्शन यूं ही जारी रहेंगे।
‘आम आदमी का गुजर-बसर हुआ मुश्किल’
भिवानी (हप्र) : िकतलाना टोल पर किसानों ने सुबह 10 से 12 बजे तक जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने टोल पर खाली सिलेंडर और साइकल खड़ी करके महंगाई के खिलाफ आक्रोष जताया। कितलाना टोल के मीडिया प्रभारी और किसान नेता राजू मान ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण आम जनमानस को गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है। अप्रैल 2011 में यूपीए सरकार के समय कच्चे तेल की कीमत जब अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में 115 डॉलर प्रति बैरल थी और पेट्रोल के दाम उस वक्त 58 रुपए और डीजल के दाम 41 रुपए थे। आज कच्चे तेल की कीमत 72 डॉलर प्रति बैरल से भी कम है उसके बाद भी पेट्रोल 98.71 रुपये और डीजल 90.66 रुपये प्रति लीटर के भाव मिल रहा है। वहीं, महंगाई के विरोध में बृहस्पतिवार को 12 गांवों के किसानों का गुस्सा फूटा और उन्होंने गांव धनाना में विरोध प्रदर्शन कर महंगाई कम किए जाने की मांग सरकार से की। उधर किसानों ने शहर में महंगाई के खिलाफ हुड्डा पार्क के सामने खाली सिलेंडर, थाली-चम्मच के साथ रोष प्रदर्शन किया व सरकार से डीजल-पैट्रोल व रसोई गैस की कीमत आधी करने की मांग की।
महिलाओं ने रखे रसोई गैस के खाली सिलेंडर
पलवल (हप्र) : नेशनल हाईवे पर किसानों का आंदोलन बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। महंगाई के खिलाफ किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने हाथों में महंगाई पर रोक लगाने से संबंधी हैंडबिल ले रखे थे। किसानों ने बैलगाड़ी के साथ महंगाई के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। महिलाओं ने अपने सिर पर रसोई गैस के खाली सिलेंडर रख कर विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन के बाद चन्द्रभान तेवतिया की अध्यक्षता में आयोजित सभा में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि 19 जुलाई से संसद सत्र के दौरान 22 जुलाई से रोजाना 200 किसान संसद के बाहर कृषि कानूनों की वापिसी की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। किसान नेताओं ने इस अवसर पर कहा कि आज देश में बेतहाशा बढ़ रही महंगाई से जनता त्राही-2 कर रही है। थोक महंगाई 13 प्रतिशत तथा खुदरा महंगाई 6 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। पेट्रोल-डीजल सहित रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में लगातार हो रही बढोतरी से लोगों की जिन्दगी बेहाल हो गई है। कोरोना महामारी का फायदा उठाकर सरकार ने तीन कृषि कानून लाकर खेती पर हमला बोल दिया है। केन्द्र सरकार देश के किसानों पर कानून थोपने के लिए अलोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं का भी पालन किया। इसलिए किसान इन्हें निरस्त करने की अपनी मांग पर अडिग हैं।
जींद में रस्सी से खींचा ट्रैक्टर
जींद/जुलाना (हप्र) : किसान-मजदूरों ने ट्रैक्टर को रस्सी से खींचकर तथा महिलाओं ने खाली रसोई गैस के सिलेंडरों को सिर पर उठाकर गोहाना रोड से उपायुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन किया गया। इससे इन प्रदर्शकारयों ने लघु सचिवालय के बाहर धरना दिया। उधर, जुलाना में सुबह दस बजे ही किसान नए बस स्टैंड के पास जुटना शुरू हो गए और कुछ ही समय में बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हो गए। किसान नेता नरेश ढ़ांडा, नरेंद्र व पवन लाठर करसोला ने कहा कि सरकार लोगों को लुभावने सपने दिखाकर सत्ता में आई लेकिन सरकार ने चुनाव के दौरान किए वायदों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
‘खेती की लागत बढ़ गई’
सफीदों, 8 जुलाई (निस)
ऐतिहासिक खानसर चौक पर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया और पेट्रोलियम पदार्थों के रेट में बढोतरी पर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान गगनदीप, राधेश्याम हॉट, शमशेर ने कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी व दूसरी तरह कमरतोड़ महंगाई ने देश के आम आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है और इस महंगाई की मार सबसे ज्यादा किसान पर पड़ रही है। डीजल के बेतहाशा बढे रेट ने खेती की उत्पादन लागत में भारी बढोतरी कर किसानों के आर्थिक अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया है। जबकि इसकी तुलना मे कृषि उत्पादों के रेट दशकों से जस के तस हैं। किसानों का कहना था कि उनका प्रदर्शन तीन कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुआ था लेकिन अब जो भी समस्याएं आम जनता व किसानों के सामने आ रही हैं, उनका भी डटकर विरोध किया जाएगा। किसानों ने बढे रेट तत्काल प्रभाव से वापस लेने की सरकार से मांग की।
गाड़ी खींचकर जताया रोष
गोहाना, 8 जुलाई (निस)
किसानों ने बृहस्पतिवार को रस्सी से बोलेरो खींचकर महंगाई के खिलाफ रोष जताया। इससे पहले किसान जींद रोड स्थित जवाहर लाल नेहरू पार्क में एकत्रित हुए। यहां उनका शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने समर्थन किया। इसके बाद किसानों ने नेहरू पार्क से लेकर पुराना बस स्टैंड होते हुए अंबेदकर चौक तक बोलेरो को रस्से से बांधकर खींचा और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि दिन-प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है। पेट्रो पदार्थों, रसोई गैस आदि के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसका सीधा असर आमजन पर पड़ रहा है। महंगाई के कारण उन्हें अपना गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा है। इससे लोगों में सरकार के खिलाफ रोष बना हुआ है। इसी को लेकर किसानों ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर शहर में प्रदर्शन किया।