राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 8 अप्रैल
शिक्षा का नया सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों ने पहले की तरह मनमानी करनी शुरू कर दी है। स्कूल संचालक 20 रूपए की कॉपी पर स्कूल का स्टिकर लगा उसे 60 रूपए में बेच रहे हैं । इतना ही नहीं प्रदेश सरकार के फरमान के बावजूद निजी प्रकाशकों की किताबें बेची जा रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिला उपायुक्त व जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट कह दिया है कि वह तब तक स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे, जब तक उनके पास पुख्ता सबूत नहीं होगा। हरियाणा सरकार ने आज भी एक आदेश जारी करके निजी स्कूलों को चेतााया है कि वह अभिभावकों को स्कूल से किताबें, ड्रेस, जूते इत्यादि खरीदने के लिए बाध्य न करें, लेकिन फरीदाबाद जिले के निजी स्कूल सरकार के सभी आदेशों को धत्ता बता रहे है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि कई बार जिला व मौलिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही इस मनमानी पर रोक लगाने की मांग की गई है। लेकिन आज तक मंच के पत्रों पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है। एपीजे के अभिभावक रमन सूद, अवनीश जैन, डीएवी 14 व रयान के अभिभावक एडवोकेट आई डी शर्मा, डीपीएस 19 की अभिभावक शीतल लूथरा ने बताया है कि जो कॉपी बाजार में 20 रुपये की मिल रही है स्कूल वाले उसके कवर पेज पर अपने स्कूल का नाम लिखकर उसे 60 रुपये में बेच रहे हैं।
सीएम से कार्रवाई की मांग
इस बाबत हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर इस मामले में उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है। मंच का आरोप है कि जिला प्रशासन के अधिकारी स्कूल संचालकों को फायदा पहुंचाने की नीयत से ही दोषी स्कूलों के खिलाफ कोई भी उचित कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मंच का कहना है कि निदेशक पंचकूला ने मार्च 2021 व अभी मार्च महीने के शुरू में ही सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर निर्देश दिया था कि प्राइवेट स्कूलों में नियमानुसार एनसीईआरटी की किताबें ही लगवाई जायें। मंच ने मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा को पत्र भेजकर अधिकारियों की कार्यशैली की शिकायत की है।
मनमानी का आरोप : ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि एक तो स्कूल प्रबंधकों ने बिना फार्म 6 जमा कराए एक अप्रैल से शुरू हुए नए शिक्षा सत्र में स्कूल फीस में काफी बढ़ोतरी कर दी है, इससे अभिभावक खासे परेशान हैं। उस पर एनसीईआरटी की किताबों की जगह प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबों को खरीदवाने से उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है।
‘पेरेंटस को बाध्य नहीं कर सकते स्कूल’
नारनौल (निस) : जिले में कोई भी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल अपने छात्रों को किसी विशेष दुकान से किताबें और यूनिफार्म आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त श्याम लाल पुनिया ने बताया कि हरियाणा सरकार के आदेश के मुताबिक अगर किसी खास दुकान से यूनिफॉर्म और कॉपी-किताबें खरीदने के लिए स्कूल की तरफ से दबाव बनाया जाएगा तो उसके खिलाफ हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियमावली 2003 के अनुसार कार्रवाई होगी। पुनिया ने बताया कि अभिभावकों की तरफ से कई बार ये मुद्दा उठाया गया था कि उन्हें स्कूल बाध्य करते हैं कि विशेष दुकान से बच्चे की यूनिफॉर्म और कॉपी-किताबें खरीदें। जिसके लिये उन्हें ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने बताया कि अभिभावकों का मानना था कि ऐसा करके उनको ठगा जा रहा है तथा उनको अधिक कीमत देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।