झज्जर, 1 मई (हप्र)
टीकरी बॉर्डर पर शुक्रवार को महिला की कोरोना से मौत के लिए किसानों शासन व प्रशासन की लापरवाही को कारण बताया है। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से बीमार थी और उचित इलाज न मिलने से उसने दम तोड़ दिया। शनिवार को किसानों ने महिला किसान के शव को खुली जीप में ले जाकर श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान किसानों ने शासन व प्रशासन पर अपनी जमकर भड़ास निकाली और रोष जताया।
किसान नेता प्रगट सिंह ने कहा कि मरने वाली महिला किसान कोरोना से संक्रमित थी तो फिर उसका शव किसानों को क्यों सौंपा गया। अब उनका फैसला है कि वे न तो वैक्सीनेशन कराएंगे और न कोरोना की टेस्टिंग कराएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना का डर दिखाकर उनका आंदोलन समाप्त कराना चाहती है। वे अपना आंदोलन किसी भी सूरत में खत्म नहीं करेंगे। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि वे अब किसानों पर इस बात का दबाव नहीं डालेंगे कि वह अपना कोरोना टेस्ट कराएं और वैक्सीन लगवाए। यदि कोई किसान स्वयं की मर्जी से ऐसा करना चाहेगा तो वह उसे रोकेंगे भी नहीं। इस बारे में एसडीएम हितेन्द्र शर्मा का कहना है कि वे इस मामले की जांच की जाएगी और इस बारे में मृतका के परिजनों से भी बातचीत की जाएगी। जो भी सच्चाई सामने आती है उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।