रोहतक, 18 जनवरी (निस/हप्र)
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिए जा रहे धरनों की कमान आज महिलाओं के हाथ में थी। किसान महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं ने क्रमिक अनशन स्थलों का नेतृत्व किया और मंच से ऐलान किया कि किसी भी कीमत पर यह तीन काले कानून स्वीकार नहीं किए जाएंगे। अगर सरकार ने इन कानूनों को तुरंत प्रभाव से मंगलवार को होने वाली बैठक में रद्द नहीं किया तो 26 जनवरी को सबसे आगे महिलाएं ट्रैक्टर लेकर नेतृत्व करेंगी और हर हाल में दिल्ली में प्रवेश किया जाएगा। सोमवार को महिलाओं ने मकड़ौली टोल प्लाजा पर ट्रैक्टर मार्च का अभ्यास किया और तीन काले कानूनों के विरोध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के पुतले फूंके। साथ ही किसानों के समर्थन में छात्रों ने शहर में रैली भी निकाली। टोल प्लाजा पर लगातार किसानों का क्रमिक अनशन जारी है और टोल से वाहनों का आवागमन भी पूरी तरह से निशुल्क जारी है। सोमवार को आसपास के गांवों की भारी संख्या में महिलाएं ट्रैक्टर ट्राली लेकर मकड़ौली स्थित टोल प्लाजा पर चल रहे क्रमिक अनशन स्थल पर पहुंची। गांव बोहर निवासी अंग्रेजो देवी, मानसी, साहब कौर, प्रेम कौर, धनपति, पार्वती, लक्ष्मी, संतोष ने कहा कि यह सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि हर वर्ग का आंदोलन है।
हरियाणा के प्रसिद्ध कलाकार देव उर्फ देवा ने मकडोली टोल पहुंच किसान आंदोलन का समर्थन किया। साथ ही सरकार से तुरंत इन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हरियाणा के सभी कलाकार किसानों के साथ है। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेशाध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश के किसानों सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है।