शिमला, 1 मार्च (निस)
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में बंद पड़े 28 खनन पट्टों को फिर से खुलने की उम्मीद जगी है। ये पट्टे अवैध खनन के मामले सामने आने के बाद बंद पड़े हैं क्योंकि सरकार ने इनकी लीज रद्द कर दी है। प्रदेश सरकार अब इन खनन पट्टों को फिर से आबंटित करने की सोच रही है। इसके लिए ऊना के उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। ये कमेटी विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर रद्द किए गए खनन पट्टों का निरीक्षण कर सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी और यदि रिपोर्ट खनन के पक्ष में आती है तो सरकार इन खनन पट्टों को फिर से नीलामी करेगी। इस कमेटी का सचिव ऊना के खनन अधिकारी को बनाया गया है जबकि एसपी, पीडब्ल्यूडी और जनशक्ति विभाग के अधिशासी अभियांता सहित कुछ अन्य अधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे। उल्लेखनीय है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बीते साल ऊना में अवैध खनन मामलों को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को अवैध खनन रोकने के लिए कारगर कदम उठाने को कहा था।एनजीटी ने अपने आदेशों में स्वनां के किनारे अवैध खनन को पर्यावरण के लिए खतरा करार दिया था। एनजीटी के आदेशों के बाद सरकार ने बीते साल उद्योग विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया। साथ ही एनजीटी के आदेशों के मुताबिक पंडोगा, गगरेट व बाथड़ी के साथ साथ कुछ अन्य जगहों पर तोल सेतु (वेब्रिज)भी लगाए। विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने खुली नीलामी के माध्यम से आबंटित किए जाने के मकसद से प्रस्तावित स्वां में 28 खनन पट्टों को रद्द कर दिया था। बीते दिनों हरोली के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अज्निहोत्री ने विधान सभा में स्वां में अवैध खनन का मामला उठाया था। उन्होंने सरकार से अवैध खनन पर नकेल कसने के मकसद से खनन पट्टों की नीलामी करने का मुद्दा उठाया था। माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद सरकार ने खनन पट्टों का निरीक्षण करने के मकसद से कमेटी का गठन किया है।