धर्मशाला, 16 मई (निस)
तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए काफी अहम है। उन्होंने कहा कि हम सभी को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में अवतरित करने की जरूरत है। वर्तमान परिदृश्य में भगवान बुद्ध की शिक्षाएं और भी प्रासंगिक हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा का दिन छह साल की तपस्या के बाद महात्मा बुद्ध की आत्मज्ञान की प्राप्ति का स्मरण कराता है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि स्वयं के अनुभव के आधार पर महात्मा बुद्ध ने कहा था कि जिस तरह सोने को गर्म करने, काटने और रगड़ने से उसका परीक्षण किया जाता है, वैसे ही आपको मेरी शिक्षा का अच्छी तरह से परीक्षण करना चाहिए तथा उसके बाद ही इसे स्वीकार करना चाहिए न कि केवल मेरे प्रति सम्मान के कारण। इस दृष्टिकोण से बुद्ध के एक विशेष गुण का पता चलता है। धर्मगुरू ने कहा कि मैं सभी धार्मिक परंपराओं का सम्मान करता हूं। वे सभी महान मूल्य के हैं क्योंकि वे सभी करुणा सिखाते हैं। केवल बुद्ध हमें उनकी शिक्षाओं की जांच करने के लिए कहते हैं जैसे एक सुनार सोने की शुद्धता की जांच करता है।