ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 7 सितंबर
प्राकृतिक आपदा के मामले में संवेदनशील माने जाने वाले हिमाचल में 48 स्वचलित मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित होंगे। नए केंद्रों की स्थापना के साथ प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्रों की संख्या 70 हो जाएगी। मौसम विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए सरकार ने भारत मौसम विज्ञान विभाग(आईएमएडी)के साथ एमओयू किया है। मौसम विज्ञान केंद्रों की स्थापना से मौसम के सटीक आंकड़ों व जलवायु संबंधी चुनौतियों से त्वरित निपटने में मदद मिलेगी। आईएमडी के साथ शिमला में एमओयू पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
48 स्वचलित मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित होने से विशेषतौर पर कृषि और बागवानी क्षेत्रों को सहायता मिलेगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से खंड स्तर पर इस तंत्र को स्थापित किया जाएगा। गौरतलब कि वर्तमान में प्रदेश में आईएमडी द्वारा स्थापित 22 स्वचलित मौसम केंद्र क्रियाशील हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम केंद्रों का यह तंत्र स्थापित होने से प्रदेश में पूर्व चेतावनी प्रणाली और आपातकालीन स्थितियों जैसे अत्याधिक वर्षा, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं का बेहतर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
इसके अलावा सरकार की विस्तृत आपदा और जलवायु जोखिम न्यूनीकरण परियोजना के लिए फ्रांस की एजेंसी एएफडी के साथ सहमति बनी है जिसके अंतर्गत एएफडी परियोजना के लिए 890 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाएगी।
सुक्खू ने कहा कि यह परियोजना राज्य को बेहतर आपदा प्रबंधन तंत्र स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। परियोजना के तहत प्रदेश में बुनियादी अधोसंरचनाए प्रशासन और संस्थागत क्षमता के सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस पहल के अंतर्गत नये अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएंगे और आग संबंधी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मौजूदा केंद्रों का उन्नयन किया जाएगा। प्रदेश में भू-स्खलन की घटनाओं को कम करने के लिए बायो- इंजीनियरिंग नर्सरीज तैयार करने के साथ-साथ भूकम्परोधी अधोसंरचना निर्मित की जाएगी और उन्नत उपग्रह प्रणाली के माध्यम से संचार सुविधा में सुधार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कुशल प्रबंधन के लिए हेलीपैड निर्मित करने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के लिए एक राज्य संस्थान की स्थापना की जाएगी और एक नई राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल कंपनी का गठन भी किया जाएगा।