रवींद्र वासन/निस
धर्मशाला, 21 मार्च
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां चरम पर हैं। टिकटों के लिए प्रत्याशियों की दौड़ जारी है, और प्रमुख राजनीतिक दलों के गलियारों में संभावित उम्मीदवारों की चहल-पहल देखने को मिल रही है। विशेष रूप से प्रदेश का कांगड़ा संसदीय क्षेत्र राजनीतिक विश्लेषणों का केंद्र बना हुआ है।
संसदीय क्षेत्र से दोनों ही प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नए चेहरे पेश करने के प्रयास में हैं। जहां भाजपा धर्मशाला से कांग्रेस के बागी विधायक सुधीर शर्मा पर दांव लगा सकती है, वहीं कांग्रेस की नजरें जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान अजय महाजन पर टिकी हुई हैं। जहां तक भाजपा के वर्तमान सांसद किशन कपूर का सवाल है, पार्टी उन्हें दोबारा मैदान में उतारने के मूड में नहीं लग रही है। संभवत: यही कारण है कि कांगड़ा, जो एक ओबीसी बहुल क्षेत्र है, में भाजपा कांग्रेस के बागी सुधीर शर्मा के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है, हालांकि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज और गद्दी समुदाय के नेता त्रिलोक कपूर भी टिकट की दौड़ में हैं।
हिमाचल प्रदेश के छह बागी कांग्रेस विधायकों का भविष्य फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिका है, जिसकी अगली सुनवाई मई के पहले सप्ताह में निर्धारित है। यदि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इन विधायकों के पक्ष में जाता है, तो हिमाचल प्रदेश का राजनीतिक परिदृश्य और भी अधिक रोचक हो उठेगा। ऐसे में प्रदेश की सुक्खू सरकार के भविष्य पर भी सभी की नजरें रहेंगी।