शिमला, 5 जून (निस)
हिमाचल प्रदेश में किसानों और बागवानों के हमदर्द के रूप में विख्यात और प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक व जुब्बल-कोटखाई से विधायक और पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा का शनिवार को निधन हो गया। वे 69 साल के थे। नरेंद्र बरागटा कोरोना संक्रमण से उभरने के बाद फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे और लगभग 2 सप्ताह से पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन थे। बरागटा ने शनिवार सुबह 5 बजे अंतिम सांस ली। बरागटा के निधन की सूचना उनके बेटे चेतन बरागटा ने एक ट्वीट के माध्यम से दी।
नरेंद्र बरागटा वर्ष 1998 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद वह 2007 और 2017 में भी विधानसभा के लिए चुने गए। बरागटा प्रदेश सरकार में 2 बार मंत्री रहे जबकि इस बार उन्हें सरकार में मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी मिली थी।
नरेंद्र बरागटा का पार्थिव शरीर आज ही चंडीगढ़ से शिमला पार्टी मुख्यालय दीप कमल लाया गया। जहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रदेश मंत्रिमण्डल के सदस्यों और अन्य भाजपा नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। इससे पूर्व हिमाचल भवन चंडीगढ़ में दिवंगत नरेंद्र बरागटा के पार्थिव शरीर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की ओर से भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। नरेंद्र बरागटा की पार्थिव देह को आज ही उनके गांव ले जाया गया।
इस बीच राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नरेंद्र बरागटा के निधन पर गहरा दु:ख जताया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र बरागटा एक ईमानदार और परिश्रमी नेता थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बरागटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस समाचार से स्तब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने एक इमानदार और कर्मठ नेता खो दिया है।