ज्ञान ठाकुर
निज संवाददाता
शिमला, 9 फरवरी
हिमाचल प्रदेश में कोरोना मामलों में आ रही कमी को देखते हुए सरकार ने राज्य में रात्रि कर्फ्यू खत्म कर दिया है। ये निर्णय आज शिमला में प्रदेश मंत्रिमण्डल की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। राज्य में लगभग एक महीने से रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाया गया था। हालांकि मंत्रिमण्डल ने सभी बाहरी व आंतरिक स्थलों में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और अन्य समारोहों जिनमें विवाह, अंतिम संस्कार शामिल है, में 50 प्रतिशत क्षमता तक ही लोगों के शामिल होने की शर्त पहले की तरह जारी रहेगी।
मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान देने के मुद्दे पर आज भी फैसला नहीं हो पाया। इस मुद्दे पर फैसले के लिए अब 14 फरवरी को फिर से मंत्रिमण्डल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कर्मचारियों को तीसरा विकल्प देने और इसके तौर तरीके पर मोहर लगने की उम्मीद है। प्रदेश के कर्मचारियों को तीन में से कोई एक विकल्प चुनने के लिए सरकार ने 15 फरवरी तक का समय दे रखा है। मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में ठेकेदारों की हड़ताल को खत्म करने के लिए उनकी मांगों को मान लिया है और ठेकेदारों को आ रही समस्याओं के समाधान के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया है। ये अध्यादेश 23 फरवरी से आरंभ हो रहे बजट सत्र में लाया जाएगा। मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश गौण खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, उसके परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियम, 2015 में संशोधन को स्वीकृति भी प्रदान की है ताकि सड़कों व सुरक्षा दीवारों के निर्माण, डंगों की सोलिंग इत्यादि में लघु खनिज पदार्थों का सर्वोत्कृष्ट उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए पत्थर और रेत जैसे खनिज पदार्थों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों से संबंधित सड़कों के निर्माण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले गौण खनिज पदार्थों के उसी कार्य के लिए उपयोग की अनुमति खनन अधिकारी प्रदान करेंगे। इसमें सड़कों के निर्माण सहित सुरक्षा दीवार, डंगों की सोलिंग इत्यादि के कार्य शामिल होंगे, जिसमें एक समय में 10 हजार मीट्रिक टन प्रतिमाह और अधिकतम 20 हजार मीट्रिक टन प्रति कार्य के उपयोग की ही अनुमति होगी, जिसके लिए कार्य करवा रहे प्रभारी अभियन्ता, जोकि सहायक अभियन्ता के पद से कम नहीं होगा, की रिपोर्ट को आधार माना जाएगा। मंत्रिमण्डल ने इसमें एक नियम सम्मिलित करने का भी निर्णय लिया, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खनन लीज़ होल्डर नहीं है और उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है और ट्रांजिट फार्म उपलब्ध नहीं करवा सका है, तो उसे प्रचलित दरों पर रॉयल्टी और रॉयल्टी के 25 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करना होगा।