शिमला, 17 नवंबर (हप्र)
संजौली में अभी अवैध मस्जिद विवाद थमा भी नहीं है कि अब शिमला में ही रामकृष्ण आश्रम में बीती रात कब्जे को लेकर दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई।
यहां हंगामे के साथ मारपीट और पथराव भी हुआ और इस दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही। हिमालयन ब्रह्मो समाज, शिमला और रामकृष्ण मिशन आश्रम के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प में तीन पुलिसकर्मियों समेत सात लोग घायल हो गए।
ये घटना विधानसभा के पास ब्रह्मो समाज परिसर में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में हुई। इस घटना में मंदिर परिसर भी क्षतिग्रस्त हो गया। एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने कहा कि शनिवार रात हिमालयन ब्रह्मो समाज से जुड़ी बुजुर्ग महिलाओं समेत 100 से अधिक लोग शांतिपूर्वक पूजा करने के लिए आश्रम में दाखिल हुए और अपनी प्रार्थना जारी रखने की इच्छा जताई, जबकि आश्रम और परिसर पर कब्जा करने वाले रामकृष्ण मिशन आश्रम के लोग रात के लिए आश्रम बंद करना चाहते थे। आश्रम के पदाधिकारियों ने कहा कि परिसर पर कब्जा करने वाले समूह ने पुलिस, प्रशासन और अन्य लोगों को इस डर से बुलाया कि प्रार्थना के लिए आया दूसरा समूह परिसर पर जबरन कब्जा कर सकता है क्योंकि करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जब हिमालयन ब्रह्मो समाज के अनुयायी अपनी प्रार्थना पूरी कर चुके थे और इस शर्त पर जाने वाले थे कि उन्हें रविवार को प्रार्थना करने की अनुमति दी जाएगी, तो रामकृष्ण मिशन द्वारा एकत्र लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें तीन पुलिस कर्मियों सहित सात लोग घायल
हो गए।
पुलिस ने कहा कि शीतल व्यास और उनके पति एबीवीपी नेता नितिन व्यास सहित सात लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
रामकृष्ण मिशन आश्रम, शिमला के सचिव स्वामी तन्महिमानंद ने आरोप लगाया कि जब रात 8:30 बजे हमने आश्रम बंद करना चाहा तो मंदिर पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया गया।
उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की भी मांग की। हिमालयन ब्रह्मो समाज शिमला के ट्रस्टी एम आर संगरोली ने कहा कि शिमला में ब्रह्मो समाज का दो दिवसीय सम्मेलन हुआ था और देशभर से आए हमारे लोग मंदिर (आश्रम) में जाना चाहते थे और उन्हें मंदिर में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ा विवाद नहीं है।