शिमला, 13 दिसंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस ने आज लगातार तीसरे दिन न केवल हंगामा और वॉकआउट किया, बल्कि सदन में पहली बार विपक्ष ने समानांतर कार्यवाही भी चलाई। इस दौरान विपक्षी सदस्यों की ओर से सदन के अंदर समानांतर सदन लगाकर कई घोषणाएं की गई और उन्हें कांग्रेस सदस्यों ने पूरा करने की हामी भी भरी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज विपक्षी दल कांग्रेस ने अनुबंध व करूणामूलक आधार पर नौकरियां देने और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने के मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा किया। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक रामलाल ठाकुर ने यह मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने अंत तक इसकी इजाजत नहीं दी। राम लाल ठाकुर की मांग थी कि स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से इन मुद्दों पर चर्चा की तुरंत इजाजत दी जाए।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने रामलाल ठाकुर द्वारा मुद्दा उठाए जाने पर सदन में व्यवस्था दी कि नियम 67 के तहत एक ही मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया जा सकता है। मगर विपक्ष के सदस्यों रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी, सुंदर ठाकुर, विनय कुमार व विक्रमादित्य सिंह ने इस स्थगन प्रस्ताव में तीन-तीन मुद्दों को शामिल कर दिए। लिहाजा नियमों के तहत इस प्रस्ताव को निरस्त किया जाता है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा व्यवस्था दिए जाने के बाद कांग्रेस के सदस्य अपने-अपने स्थानों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के वैल में पहुंचे और यहां सभा की। इस सभा को कांग्रेस नेताओं रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी, मुकेश अग्निहोत्री और विक्रामादित्य सिंह समेत अन्यों ने संबोधित किया और कई वादे भी किए। इसके बाद कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।
सत्तापक्ष ने की विपक्ष के वॉकआउट की निंदा
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गैर-मौजूदगी में आज सदन में दो वरिष्ठ मंत्रियों महेंद्र सिंह ठाकुर और सुरेश भारद्वाज ने उनकी जगह मोर्चा संभाला। विपक्ष के वाकआउट के बाद महेंद्र सिंह ठाकुर ने इसकी निंदा करते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष लगातार प्रश्नकाल में व्यवधान डाल रहा है। उन्होंने कहा कि ज्वलंत मुद्दों को सदन में उठाना विधायकों का कर्तव्य है। लेकिन विपक्ष प्रश्नकाल को नहीं चलने दे रहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस कर्मियों की वेतन विसंगतियों के मामले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार नीति बनाएगी। इस मसले के समाधान के लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है। जल्द ही इस कमेटी की रिपोर्ट मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वक्त अनुकंपा के आधार पर भर्ती की नीति में बदलाव किया गया। करूणामूलक आधार पर भर्ती में आयु सीमा घटाकर 58 से 50 वर्ष कर दिया। लेकिन भाजपा सरकार ने इसे फिर से 58 वर्ष किया है। यहां तक की सरकारी सेवा में रहते हुए अंतिम दिन भी किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलेगी।
अब समय पर मिलेगा मिड डे मील वर्कर्ज को मानदेय
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के प्राइमरी और मिडल स्कूलों में कार्यरत 20,889 मिड डे मील वर्कर्ज को चार माह का बकाया मानदेय जारी कर दिया है और इसे एसएमसी तक पहुंचा दिया गया है। एसएमसी ने भी मिड डे मील वर्कर्ज को इसका वितरण शुरू कर दिया है। यह बात शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर ने आज प्रदेश विधानसभा में नियम 62 के तहत माकपा के विधायक राकेश सिंघा द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा। उन्होंने घोषणा की कि भविष्य में अब मिड डे मील वर्कर्ज को अपना मानदेय हासिल करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उन्हें मानदेय समय पर जारी कर दिया जाएगा।