ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 17 सितंबर
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार को गिराने के लिए हुए कथित ऑपरेशन लोटस में पुलिस जांच में तेजी आ गई है। इस संबंध में 10 मार्च को बालूगंज पुलिस थाना में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर दर्ज हुए मामले में अब वित्तीय लेन-देन के प्रमाण पुलिस को मिलने शुरू हो गए हैं। शिमला पुलिस व एसआईटी द्वारा लंबे समय से इस पर कार्य किया जा रहा है और वित्तीय लेन-देन के खुलासे अब सामने आने लगे हैं। इसका खुलासा शिमला के बालूगंज पुलिस थाना में पूछताछ के लिए तलब किए देहरादून के एक ट्रैवल एजेंट सुधीर राणा ने किया है। देर शाम तक लंबी पूछताछ के दौरान उसने पुलिस व एसआईटी को बताया कि उसे विधायकों की एक लिस्ट थमाई गई थी, जिसमें उनके रहने-ठहरने का प्रबंध करने को कहा गया था और इसके लिए उसे वहां के एक भाजपा नेता ने कैश में भुगतान किया है। पूछताछ में ट्रैवल एजेंट ने कहा कि विधायकों के देहरादून में ठहरने का करीब 36 से 40 लाख रुपए खर्च हुआ है और इसमें से नकद करीब 25 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इसके बाद ये विधायक देहरादून के जॉलीग्रांट से दिल्ली की ओर चौपर में रवाना हो गए थे। ट्रैवल एजेंट की इस जानकारी के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के दावों को भी बल मिला है क्योंकि इससे पहले शिमला पुलिस व एसआईटी द्वारा नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर से की गई पूछताछ में उन्होंने भी पवन हंस चौपर कंपनी को 5 लाख रुपए देने की बात कबूली है।
कई पूर्व विधायकों से हो चुकी है पूछताछ
बीते 23 अगस्त को एसआईटी ने पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो और केएल ठाकुर से पूछताछ की थी। विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा व उनके पिता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा और पूर्व विधायक रवि ठाकुर से भी पूछताछ हो चुकी है, वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी से कई दफा पूछताछ की जा चुकी है। मामले के अनुसार आशीष शर्मा और राकेश शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले तत्कालीन विधायकों के पांच व सात सितारा होटलों में ठहरने, खाने-पीने और हैलीकॉप्टर से उन्हें ले जाने का इंतजाम किया।