शिमला, 10 नवंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में हिमाचल को लेकर भाजपा द्वारा सुक्खू सरकार लगाए गए वसूली के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने चुनावी बॉन्ड से मिले 6,060 करोड़ रुपये पर सवाल उठाना चाहिए, क्योंकि यह योजना देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी असंवैधानिक करार दी जा चुकी है। मंत्रियों ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में कई युवाओं की नौकरियां छीन ली गईं। जनता के खाते में 15-15 लाख रुपये पहुंचाने का वादा भी झूठा साबित हुआ। उन्होंने कहा कि 22 महीने के कार्यकाल में राज्य सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है, नहीं तो केंद्र सरकार की एजेंसियां कार्रवाई करने से नहीं चूकतीं। कांग्रेस सरकारों को अस्थिर करने की साजिशों का हवाला देते हुए मंत्रियों ने कहा कि ऑपरेशन लोटस के जरिए हिमाचल में भी ऐसी कोशिशें हुईं, परंतु जनता ने कांग्रेस का साथ दिया।
मंत्रियों ने गिनवाई उपलब्धियां
मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मात्र 20 माह के कार्यकाल में 10 में से पांच गांरटियों को पूरा किया है। पहली कैबिनेट बैठक में 1.36 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल की गई है। इंदिरा गांधी प्यारी बहना महिला सुख सम्मान निधि के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की 2.85 लाख पात्र महिलाओं को हर माह 1500 रुपये दिए जा रहे हैं। 680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना के अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने, निजी भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशन अनुदान दिया जा रहा है।