बीबीएन, 1 जनवरी (निस)
बद्दी-चंडीगढ़ रेललाइन के लिए अधिग्रहीत जमीन का कम मुआवजा मिलने से खफा किसानों ने रविवार से हरिपुर संडोली पंचायत में रेल लाइन का कार्य रुकवा दिया। किसानों का आरोप है कि जमीन का मुआवजा बहुत कम है। एक जैसी जमीन के अलग अलग रेट दिए गए हैं। जिन लोगों की जमीन उपजाऊ थीं उन्हें कम और जिनकी जमीन ठीक नहीं थीं उन्हें ज्यादा रेट दिया गया है। इसके अलावा रेलवे की ओर से लाइन के निचली ओर आने वाले लोगों की सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है। लाइन बनने से लोग अपने ही खेत में जाने से वंचित रह जाएंगे। इसके लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है। अगर रेलवे विभाग ने उनकी मांगें नहीं मानी तो किसान दिल्ली की तर्ज पर आंदोलन शुरू कर देंगे।
इस अवसर पर चरणदास, पूर्व प्रधान रामेश्वर दास, सिमरनजीत सिंह कुंडलस, कालूराम, भूपेंद्र सिंह, मोहनलाल ,सुरेंद्र, सतनाम, सर्वेश, विजय, जसवंत सिंह, बलराम सिंह, शंकर, संजीव कुमार, रामकुमार, वीरेंद्र, नरेंद्र, हर्ष कृषक ,मनीष, प्रमोद, गुरमीत गुरजीत, अक्षर ,लवी ,रोहित, संदीप, मनु, गुरुदेव के नेतृत्व में दर्जनों को लोग संडोली के समीप रेलवे लाइन पर एकत्रित हुए और रेलवे विभाग के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कुछ दिन पूर्व भी उन्होंने लाइन के कार्य को रोका था लेकिन रेलवे बोर्ड की ओर से तैनात प्रतिनिधि ने जो आश्वासन दिये थे उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कुछ लोगों को भी तक अपनी जमीन व मकान का पैसा नहीं मिला है। संडोली के किसानों को सबसे कम पैसा दिया गया। जबिक चक जंगी को लोगों को जमीन उनके साथ है पहले उन्हें उनसे काफी कम मुआवजा दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने चेतवनी दी है कि अगर सरकार 24 घंटे के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो वह इस जमीन पर धरना लगाकर बैठ जाएंगे और जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता वह इस धरने में डटे रहेंगे।