ज्ञान ठाकुर
शिमला, 7 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को दोपहर बाद 2 बजे शुरू हुआ। इसमें विपक्ष ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर कोविड-19 पर चर्चा मांगी और सरकार की विफलता व इस दौरान हुए व्यापक भ्रष्टाचार पर जमकर हंगामा किया। प्रदेश विधानसभा में पहली बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विषय की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने विपक्ष के नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव पर पहली बार विपक्ष का चर्चा प्रस्ताव स्वीकार किया है।
नियम 67 के तहत विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस सदन में 23 साल हो चुके हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों देखे हैं। आज तक ऐसा कभी भी नहीं हुआ कि किसी भी सरकार ने विपक्ष का नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव स्वीकार किया हो, लेकिन कोविड-19 जैसे गंभीर विषय को देखते हुए उन्होंने इसी नियम के तहत चर्चा को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि इस चर्चा को वे चाहते तो किसी अन्य नियम के तहत करवा सकते थे या सरकार की तरफ से भी स्टेटमेंट जारी की जा सकती है, लेकिन उन्होंने विषय की गंभीरता को देखते हुए इस चर्चा को स्वीकारा। साथ ही जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए उन्हें कोई भी डर नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके काम में कमी हो सकती है, लेकिन त्रुटि नहीं होगी। कोविड-19 के दौरान पूरे देशभर में हिमाचल सरकार ने सबसे बेहतरीन काम किया है।