शिमला, 11 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा की लौ जगाए रखने के लिए सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों की मदद करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रतिपूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य में इस समय 2555 एसएमसी शिक्षक हैं। मानवीय दृष्टकोण के तहत सरकार इनके लिए मदद का रास्ता बना रही है। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों की हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं हुई है। ऐसे में सरकार इन्हें सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने में मदद कर रही है क्योंकि सरकार की मंशा किसी भी सूरत में इनकी सहायता करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये शिक्षक वहां सेवाएं देते थे जहां नियमित शिक्षक नहीं जाते थे। लेकिन इन शिक्षकों के मामले में कुछ कानूनी पेचीदगियां हैं जिन्हें ठीक करने में समय लगेगा। इस सम्बंध में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रतिपूरक सवाल के माध्यम से प्रश्नकाल के दौरान मामला उठाया था। इससे पहले नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी के मूल सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर ने कहा कि नई नीति को प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए टॉस्क फोर्स का गठन कर दिया गया है ।
वेंटीलेटर की खरीद और इन्हें अस्पतालों में स्थापित करने को लेकर कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डा़ राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश में वेंटीलेटर की कमी के कारण एक भी कोरोना मरीज की अभी तक मौत नहीं हुई है।
पुख्ता मैकेनिज्म तैयार करेगी सरकार : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि बर्फ हटाने और रेत बिछाने के मामले में गड़बड़ी न हो, इसके लिए पुख्ता मैकेन्जिम तैयार किया जाएगा।
भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि मानव भारती विश्वविद्यालय ने प्रदेश में फर्जी डिग्री प्रकरण को अंजाम देकर देवभूमि में महापाप किया है और सरकार इस कृत्य को अंजाम देने वालों को नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार से कोई समझौता करने वाली नहीं है और फर्जी डिग्री प्रकरण में शामिल लोग प्रदेश में ज्यादा दिन नहीं रह सकेंगे। मुख्यमंत्री विधानसभा में प्रश्नकाल के तुरंत बाद कांग्रेस सदस्य राजेंद्र राणा द्वारा ये मामला उठाए जाने पर बोल रहे थे। राजेंद्र राणा ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। राणा ने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय ने पांच लाख डिग्रियां बेची हैं और ये दो हजार करोड़ रुपए का मामला बताया जा रहा है।