शिमला, 15 फरवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में श्रम कानूनों की समीक्षा करेगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने वीरवार को विधानसभा में कहा कि सरकार प्रदेश में लगे उद्योगों में 80 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार के प्रावधान को लागू कर रही है और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इस शर्त को सभी उद्योग कड़ाई से लागू करे। इसके लिए विभाग समय-समय पर उद्योगों का निरीक्षण करता है। विधायक चैतन्य शर्मा के मूल प्रश्न के उत्तर में उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में स्थापित होने वाली होटल इकाइयों में भी इस शर्त को लागू करवाएगी। इसी संबंध में विधायक हरीश जनारथा ने प्रतिपूरक सवाल पूछा और कहा कि हिमाचल में इस समय पर्यटन सबसे बड़ा उद्योग है और यदि होटलों में 80 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार की शर्त को कड़ाई से लागू किया जाता है तो राज्य के हजारों युवाओं को आसानी से घर-द्वार पर ही रोजगार उपलब्ध हो जाएगा।
कांग्रेस सदस्य राजेंद्र राणा के एक सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र से हिमाचल को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के तहत केवल 787.25 करोड़ रुपए की राशि ही मिली है और यह राशि हिमाचल का अधिकार है जो राज्य को हर साल मिलता है। नेगी ने मूल प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य में आई प्राकृतिक आपदा से 9905.77 करोड़ रुपए का नुकसान सरकारी और निजी संपत्ति को हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 1254.22 करोड़ रुपए विभिन्न जिलों और विभागों को जारी किए हैं। इनमें से 483.16 करोड़ रुपए प्रभावित लोगों को मुआवजे के तौर पर प्रभावित लोगों को दिए गए हैं। भाजपा विधायक हंस राज के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अभी गेस्ट टीचरों की भर्ती नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 6500 शिक्षकों की भर्ती कर रही है।
अली खड्ड विवाद पर विधानसभा में विपक्ष का वाकआउट
हिमाचल प्रदेश के सोलन और बिलासपुर जिला की सीमा पर स्थित अली खड्ड से पेयजल योजना से पानी उठाने को लेकर चल रहे संघर्ष का मुद्दा वीरवार को विधानसभा में जोर-शोर से गूंजा और विपक्ष ने इस मुद्दे पर सदन से वाकआउट किया। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने प्वाइंट आफ आर्डर के तहत यह मामला उठाते हुए कहा कि अली खड्ड से पानी उठाने को लेकर 22 दिन से आंदोलन चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलती की वजह से इस मुद्दे को लेकर दोनों जिलों के लोगों में भारत-पाकिस्तान जैसी दुश्मनी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। रणधीर शर्मा ने कहा कि यह मुद्दा रातोंरात पैदा नहीं हुआ, बल्कि उन्होंने इसी मामले को पहले प्लानिंग की बैठक में उठाया और फिर इस मुद्दे पर वह प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से भी मिले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई, लेकिन इसके बावजूद पेयजल योजना का काम कर रहे ठेकेदार ने काम नहीं रोका, जबकि मुख्यमंत्री ने काम बंद करने का आदेश दिया था। रणधीर शर्मा ने कहा कि स्थानीय लोगों की भावना के अनुसार वे भी इस आंदोलन में शामिल हुए और मौके पर गए, लेकिन उन पर सोलन जिला पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिस पर उनकी दो अंगुलियों में चोट आई है।