शिमला, 17 सितंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतिम रूप ले चुके अदालती फैसलों को लागू न करने पर सरकार के आला अधिकारियों के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अनेकों मामलों में न्यायालय द्वारा पारित आदेश अंतिम रूप ले चुके हैं। सरकार द्वारा इन्हें लागू कर अंजाम तक नहीं ले जाया जा रहा है। राज्य सरकार के ऐसे अधिकारियों/ कर्मचारियों की ढिलाई और अक्षमता के कारण वादाकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे अधिकारियों की अक्षमता के परिणामस्वरूप अदालत में काम का बोझ बढ़ रहा है। विशेष रूप से राज्य सरकार के खिलाफ दायर की जाने वाली अनुपालना याचिकाओं में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो है। इससे न केवल सरकार के समय और ऊर्जा की हानी हो रही है बल्कि सरकारी खजाने की भी हानि हो रही है। ऐसी स्थिति में, जब आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय द्वारा बार-बार समय देने के बावजूद, आदेशों का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो न्यायालय के पास पारित आदेश के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कठोर उपायों का सहारा लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सत्येन वैध की खंडपीठ ने प्रार्थी शेर सिंह की अनुपालना याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त टिप्पणी की। कोर्ट ने स्वास्थ्य व वित्त विभाग के सचिवों को 2 सप्ताह के भीतर प्रार्थी के पक्ष में दिए अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए। ऐसा न होने की सूरत में कोर्ट ने वित्त (रेगुलेशन) सचिव को अगली सुनवाई के दौरान रिकॉर्ड सहित कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश भी जारी किए। मामले पर सुनवाई 1 अक्तूबर को होगी।