शिमला, 20 नवंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली पीपल फॉर रिस्पांसिबल गवर्नेंस संस्था द्वारा वर्ष 2016 में दायर याचिका पर भी बुधवार को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला आ गया। हाई कोर्ट ने प्रदेश में मुख्य सचिवों की नियुक्ति करने वाले कानून को रद्द करने का आज फैसला सुनाया। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पहले ही दो मामलों में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य संसदीय सचिवों को तुरंत प्रभाव से पद से हटाने के आदेश दे दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने भाजपा नेताओं और एक अधिवक्ता की याचिका में पारित निर्णय के दृष्टिगत आज इस याचिका में अपना फैसला दे दिया। हाईकोर्ट ने पहले ही दो समान याचिकाओं को स्वीकारते हुए हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं अधिनियम, 2006 को भी खारिज कर दिया है।
इस फैसले में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं अधिनियम, 2006 को राज्य विधानसभा की विधायी शक्ति से परे होने के कारण रद्द किया जाता है।