शिमला, 4 अप्रैल (निस)
पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा के बीच बीबीएमबी तथा चंडीगढ़ में हिस्सेदारी को लेकर गरमायी सियासत की आंच हिमाचल तक भी पहुंचने लगी है। ये हिमाचल में इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश के राजनीतिक दल बीबीएमबी, चंडीगढ़ और शानन जैसी पनविद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी के मुद्दे को फिर से हवा देने लगे हैं। इसी कड़ी में आज भाजपा के पूर्व सांसद डा. राजन सुशांत ने आज शिमला में एक पत्रकारवार्ता में पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत चंडीगढ़ और बीबीएमबी में हिमाचल के 7.19 प्रतिशत हिस्से का मुद्दा उठाया तथा शानन पनविद्युत परियोजना को भी हिमाचल के सुपुर्द करने की मांग की। उन्होंने इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की और कहा कि यदि 14 अप्रैल तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो 15 अप्रैल से प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि शानन पनविद्युत परियोजना को हिमाचल को नहीं सौंपे जाने की स्थिति में इस पर जबरन कब्जा किया जाएगा।
डॉ. सुशांत ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत चंडीगढ़ व बीबीएमबी में हिमाचल की हिस्सेदारी के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होना चाहिए। सुशान्त ने कहा की पंजाब व हरियाणा चंडीगढ़ तथा बीबीएमबी में अपने हिस्से की लड़ाई लड़ रहे हैं। बीबीएमबी व चंडीगढ़ में हिमाचल का भी हिस्सा है। मगर प्रदेश सरकार इस मुद्दे को लेकर कुंभकर्णी नींद सोई हुई है। उन्होंने कहा कि हिस्सेदारी के इस मसले पर प्रदेश के तमाम मुख्यमंत्रियों ने अपने आप को पंगु सिद्ध किया है। प्रदेश में जल, जंगल व जमीन है जिसको बेच दिया गया है। राज्य में मौजूद 20 हज़ार मेगावाट पन बिजली क्षमता में से 10 हज़ार मेगावाट का ही दोहन हो पाया है। इसमें से हिमाचल मात्र 500 मेगावॉट ही बिजली उत्पादन कर पाया है। 9500 मेगावॉट बेच दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीबीएमबी में हिस्सेदारी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक में गलत आंकड़े दिए गए। बाबजूद इसके सर्वोच्च न्यायालय ने 2142 करोड़ रुपए 2011 में हिमाचल को देने का फ़ैसला लिया। जो आज 4200 करोड़ रुपया हो गया है। मगर सरकार इसे लेने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि शानन प्रोजेक्ट का मालिक भी पंजाब बना हुआ है जबकि हिमाचल को इस प्रोजेक्ट से 5 हज़ार करोड़ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ को यूनियन टेरीटेरी ही रहनी चाहिए।
कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक
नगर निगम शिमला के चुनाव के लिये हिमाचल प्रदेश कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक आज प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हर्ष महाजन की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में हर्ष महाजन के अतिरिक्त मेनिफेस्टो कमेटी के सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव विधायक अनिरुद्ध सिंह, शिमला जिला कांग्रेस कमेटी शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक आदर्श सूद पूर्व उप महापौर हरीश जनार्था, सुशांत कपरेट धर्मपाल ठाकुर उपस्थित थे। बैठक की जानकारी देते हुए हर्ष महाजन ने बताया कि नगर निगम चुनावों में कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो पर आपसी विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसके प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।