शिमला, 20 मार्च (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार चालू वित्त वर्ष में 672 करोड़ रुपये का और और कर्ज लेगी। सरकार यह कर्ज प्रतिबद्ध दायित्वों के निर्वहन के लिए लेगी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने बुधवार को ऋण के लिए आवेदन किया। कर्ज की यह रकम सरकार के खजाने में 26 मार्च को आएगी।
चालू वित्त वर्ष के अंतिम माह में सरकार दूसरी बार कर्ज ले रही है। इससे पहले सरकार ने चालू मार्च महीने में ही 1100 करोड़ कर्ज लिया है। जानकारी के अनुसार यह 672 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश सरकार को 15 साल की अवधि में वापस लौटानी होगी। इस बार सरकार को जो भी कर्ज मिला है वो कम अवधि का मिला है। इससे पहले दीर्घावधि लोन सरकार लेती रही है। मार्च महीने में सरकार के आर्थिक हालात ठीक नहीं है। कई वर्गों की देनदारी सरकार को चुकता करनी है। ऐसे में बिना कर्ज के काम नहीं चल सकता था।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने सरकार को कर्ज के मामले में फंसाया हुआ था क्योंकि सालाना सीमा तय कर रखी है। इस साल अभी तक 7700 करोड़ रुपए का लोन सरकार ले चुकी है जिसमें 672 करोड़ की राशि और जुड़ेगी तब जाकर सरकार का काम चल सकेगा।
कर्मचारियों को डीए दिया जाना है, वहीं लीव इन्कैशमेंट व ग्रेच्युटी की राशि भी देनी है जिसका एेलान बजट में किया गया है। इसके अलावा सरकार के विभागों ने अनुपूरक बजट की डिमांड कर रखी है जिसे भी दिया जाना है। बिजली बोर्ड ने 272 करोड़ रुपए की राशि सरकार से मांगी है वहीं कुछ और देनदारियां भी सरकार ने चुकता करनी है।