शिमला, 8 नवंबर(हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी उपायुक्तों को उपमंडल स्तर पर राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करने और 31 दिसंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री आज शिमला में डीसी-एसपी सम्मेलन के दौरान हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर, शिमला और सोलन जिलों के अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे। सुक्खू ने उन्हें अपने-अपने जिलों में सुशासन पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी डीसी और एसपी की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट के लिए नए प्रदर्शन-आधारित नियम बनाए हैं। पिछली वर्णनात्मक ग्रेडिंग प्रणाली की तुलना में अधिकारी मूल्यांकन के लिए अब संख्यात्मक ग्रेडिंग सिस्टम लाया गया है। उन्होंने अधिकारियों को अवैध खनन और मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध खनन को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए स्थानीय लोगों को शामिल करने पर बल दिया। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए आईजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक विंग बनाएगी। मुख्यमंत्री ने युवाओं को नशे से बचाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को एफसीए क्लीयरेंस मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि लोगों को समय पर विकास परियोजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि एफसीए मामलों में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने राज्य में हरित पंचायतों की स्थापना की पहल के तहत उपायुक्तों को सौर परियोजनाओं के लिए उपयुक्त भूमि की शीघ्र पहचान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अनाथ बच्चों को परामर्श प्रदान करें। उन्हें मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी दें ताकि वे इसका पूरा लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि इच्छुक अनाथ बच्चों के लिए एक्सपोजर टूर को स्वीकृति देने की शक्तियां डीसी स्तर पर सौंपी जाएंगी ताकि उन्हें ऐसे एक्सपोजर विजिट करने में किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
किराये के भवनों में पर चल रहे सरकारी कार्यालय खाली पड़े भवनों में होंगे स्थानांतरित
मुख्यमंत्री ने बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए उपायुक्तों को जिला मुख्यालयों पर गोशालाओं के निर्माण के लिए भूमि की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लावारिस पशु सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, वहीं किसानों के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को इस समस्या को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने उपायुक्तों को अपने जिलों में खाली पड़े सरकारी भवनों की पहचान करने और वर्तमान में किराये के भवनों में पर चल रहे सरकारी कार्यालयों को खाली पड़े भवनों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को अपने जिलों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कहा क्योंकि यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में हरित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन, जल विद्युत, डेटा भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों पर दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ ध्यान केंद्रित कर रही है।