ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 4 अगस्त
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने आज लगातार दूसरे दिन सदन में हंगामा किया। कांग्रेस ने बेरोजगारों से हो रहे खिलवाड़ और चोर दरवाजे से हो रही भर्ती को लेकर नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य इंद्रदत्त लखनपाल ने यह मामला उठाना चाहा, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इससे नाराज कांग्रेस सदस्यों ने सदन में शोरगुल और फिर नारेबाजी की। अध्यक्ष के नोटिस को अस्वीकार करने के बाद पूरे विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य में बेरोजगारों से धोखा हो रहा है और चोर दरवाजे से भर्तियां की जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक हलके से ही पांच हजार भर्ती आउटसोर्स पर हो गई है। उन्होंने बेरोजगारी और आउटसोर्स पर किस हलके से कितने लोगों को रखा गया है, उसे लेकर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नियमित भर्ती हो नहीं रही है और सभी आउटसोर्स पर ही रखे जा रहे हैं, यह व्यवस्था नहीं चलेगी। उधर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार बार-बार सदस्यों को शांत करवाते रहे, लेकिन कांग्रेसी सदस्य नहीं माने और नारेबाजी करने लगे। वहीं, अध्यक्ष ने कहा कि सदन की उच्च परंपराएं हैं और उसे बनाए रखें। लेकिन विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे और वे फिर सदन से वाकआउट कर गए।
कांग्रेस में दिख रही वरिष्ठ नेतृत्व की कमी : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के व्यवहार की कड़ी निंदा की और कहा कि वे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद कर रहे थे कि विपक्ष आज सार्थक चर्चा करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष की ऐसी परिस्थिति हो गई, जहां नेतृत्व को लेकर होड़ लगी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में वरिष्ठ नेतृत्व की बड़ी कमी दिख रही है। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर विपक्ष जिम्मेदारी से व्यवहार करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीद थी कि आज वे प्रश्नकाल में हिस्सा लेंगे, लेकिन आज भी प्रश्नकाल में व्यवधान डाला और वाकआउट कर दिया।
आपदा से 645 करोड़ का नुकसान, रिपोर्ट केंद्र को भेजी : महेंद्र
हिमाचल प्रदेश में इस साल बेमौसमी बर्फबारी, वर्षा और सूखे से अब तक कृषि व बागवानी को 645 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। प्रदेश सरकार ने नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र को मदद के लिए भेजी है। राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने विधानसभा में नियम-130 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कही। यह प्रस्ताव कांग्रेस के इंद्रदत्त लखनपाल, भाजपा के विशाल नैहरिया, बलवीर वर्मा और जिया लाल ने सदन में पेश किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी बरसात, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 13 जून से 3 अगस्त तक 214 लोगों की जान जा चुकी है और 11 लोग अभी तक लापता हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में अब तक 432 पशु मारे गए हैं तथा 1152 कच्चे और पक्के घर तथा गऊशालाएं भी नष्ट हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से सड़कों और पुलों को 451 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसी तरह पेयजल और सिंचाई योजनाओं को भी 187 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है।
हिमाचल में आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण में नए सिरे से तेजी से हो रही वृद्धि के दृष्टिगत राज्य की जयराम ठाकुर सरकार ने प्रदेश में आने वाले लोगों खासकर पर्यटकों पर नए सिरे से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। प्रदेश सरकार द्वारा आज जारी ताजा एडवाइजरी में प्रदेश में आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अथवा कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने का प्रमाणपत्र साथ लाना जरूरी होगा। एडवाइजरी के मुताबिक आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 72 घंटों के दौरान की होनी चाहिए। ये प्रतिबंध राज्य में पर्यटन से संबंधित गतिविधियों को लेकर लगाए गए हैं। हालांकि फिलहाल इन प्रतिबंधों के तहत राज्य के प्रवेश द्वारों पर पर्यटकों को नहीं रोका जाएगा और उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट अथवा प्रमाण पत्र नहीं जांचे जाएंगे। लेकिन प्रदेश में आने पर होटलों में अथवा कहीं भी औचक निरीक्षण के दौरान उनसे ये रिपोर्ट अथवा टीकाकरण का प्रमाणपत्र दिखाने को कहा जा सकता है।
प्रदेश सरकार द्वारा आज जारी एडवाइजरी के मुताबिक ये एडवाइजरी तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी और अगले आदेशों तक जारी रहेगी। एडवाइजरी के मुताबिक अन्य सभी प्रतिबंध और राहतें प्रदेश सरकार द्वारा 22 जुलाई को जारी अंतिम आदेशों के अनुसार जारी रहेंगे।
‘कायदे-कानून मानने होंगे क्रशर मालिकों को’
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा है कि स्टोन क्रशर मालिकों को सरकार के कायदे-कानून मानने ही होंगे। सरकार ने क्रशर मालिकों को काम करने की अनुमति दी है, लेकिन उन्हें इसमें हेराफेरी की इजाजत नहीं दी जा सकती। नदी-नालों से रेत बजरी निकालने के लिए जेसीबी से माइनिंग की व्यवस्था है, लेकिन यह व्यवस्था केवल उन्हीं क्रशर मालिकों के लिए है, जिन्हें माइनिंग प्लान में इसकी इजाजत दी गई है। अन्य क्रशर मालिकों को जेसीबी से रेत बजरी निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। बिक्रम सिंह आज प्रदेश विधानसभा में भाजपा के रमेश धवाला द्वारा नूरपुर और इंदौरा उपमंडल के 30 स्टोन क्रशर मालिकों द्वारा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाई गई कड़ी शर्तों के विरोध में अपनी इकाइयों को बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार क्रशर मालिकों को जल्द ही मैकेनिकल लोडिंग की अनुमति देने जा रही है।