ज्ञान ठाकुर
शिमला, 26 फरवरी
हिमाचल प्रदेश का 2229.94 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को शनिवार को विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बीच पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2021-22 के लिए अनुपूरक बजट की पहली और अंतिम किस्त सदन में पेश की। इस संबंध मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में वित्त विधेयक भी सदन में पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। अनुपूरक बजट में 1716.25 करोड़ रुपये राज्य स्कीमों और 513.69 करोड़ केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए रखे गए हैं। राज्य स्कीमों के तहत 246.62 करोड़ हिमाचल पथ परिवहन निगम को सहायता अनुदान और निवेश, 173.31 करोड़ सतलुज जल विद्युत निगम के बिलों पर छूट प्राप्त करने और बिजली बोर्ड के दायित्वों को वहन करने के लिए, 155.16 करोड़ रुपये भानुपल्ली-बिलासपुर और चंडीगढ़-बद्दी रेल परियोजनाओं के निर्माण के लिए, 139 करोड़ रुपये ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 15वें वित्तायोग के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र अनुदान और नये पंचायत भवनों के लिए, 135.85 करोड़ रुपये वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, कालेजों और अटल आदर्श विद्यालयों के निर्माण के लिए रखे गए हैं। इसके अलावा, 125.24 करोड़ रुपये अस्पतालों के निर्माण और चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए, 99.03 करोड़ रुपये खाद्यान्न उपदान और हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के लिए, 93.76 करोड़ रुपये उर्रवर्क वितरण और एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजना एचपी-शिवा के दायित्वों को पूरा करने के लिए और 81.02 करोड़ रुपये दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, अम्रुत, स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन और शहरी स्थानीय निकायों की सड़कों के रखरखाव के लिए रखे गए हैं।
सरकार ने फिजूलखर्ची पर खर्च कर दिया सारा पैसा : जगत नेगी
विपक्षी दल कांग्रेस ने अनुपूरक बजट का यह कहते हुए विरोध किया कि सरकार ने अनुपूरक बजट के सारे पैसे को फिजूलखर्ची पर बर्बाद कर दिया। कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी ने कहा कि अनुपूरक बजट में से अधिकांश पैसा राजस्व खर्च के लिए रखा गया है, जबकि कैपिटल कार्यों के लिए नाममात्र का पैसा रखा है। उन्होंने अनुपूरक बजट पेश करने के तौर-तरीके पर भी ऐतराज जताया और कहा कि अनुपूरक बजट पेश करते ही मुख्यमंत्री ने इससे संबंधित विनियोग विधेयक बिल भी पेश कर दिया और विपक्ष को अनुपूरक बजट को पढ़ने और समझने का भी मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हमारा दिमाग सुपर कंप्यूटर नहीं है, जो तुरंत हर चीज को समझ ले। माकपा सदस्य राकेश सिंघा ने कहा कि अनुपूरक बजट गोपनीय दस्तावेज नहीं है और इस पर चर्चा के लिए विधानसभा को समय देना चाहिए।
अनुपूरक बजट गोपनीय दस्तावेज
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा के सदस्य की अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए समय देने की मांग को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि नियमों में इसका प्रावधान नहीं है, क्योंकि अनुपूरक दस्तावेज गोपनीय दस्तावेज है। ऐसे में सदस्यों को इसकी प्रति उपलब्ध करवाए इसे सदन में पेश किया जाता है।