शिमला (हप्र) : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने निजता के अधिकार को लेकर महत्वपूर्ण व्यवस्था देते हुए कहा है कि कानून द्वारा स्थापित प्रकिया के विपरीत टेलीफोन टैपिंग कर साक्ष्य जुटाना अवैध है। इस प्रकार अवैध रूप से जुटाए गए साक्ष्य कानूनन अमान्य है। हाईकोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए कहा कि निजता के अधिकार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का अभिन्न हिस्सा माना गया है। कोर्ट ने एक पारिवारिक मामले में पत्नी और उसकी मां की आपसी बातचीत की टेलीफोन रिकॉर्डिंट को साक्ष्य के रूप में मान्यता देते हुए रिकॉर्ड पर लेने की गुहार वाली याचिका को खारिज कर दिया।