शिमला, 29 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को मंडी के मेडिकल कॉलेज और कृषि एवं बागवानी फॉर्म के लिए इस्तेमाल की गई भूमि को लौटाने से जुड़े आदेशों की शीघ्रता से अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2009 में प्रार्थी के हक में फैसला सुनाया गया था। वर्ष 2023 में पारित निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। प्रार्थी मीर बक्श ने अपनी भूमि का मुआवजा आंकते हुए भूमि की कीमत 10 अरब 61 करोड़ रुपए बताई है। प्रार्थी ने 500 करोड़ रुपए मूल्य की भूमि और 500 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अनुपालना याचिका दायर की है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने याचिका पर सुनवाई के पश्चात राज्य सरकार को शीघ्रता से इस मांग पर विचार कर 12 सप्ताह के भीतर जरूरी कार्यवाही करने के आदेश जारी किए। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि प्रार्थी को मुआवजे के तौर पर भूमि देने के लिए भूमि का चयन करने की कार्यवाही जारी है।