शिमला, 13 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में आगामी अक्तूबर माह से गाड़ियों की मैनुअल फिटनेस जांच बंद हो जाएगी। परिवहन विभाग वाहनों की जांच के लिए आटोमेटिड टेस्टिंग सेंटर खोलेगा। सेंटर में फिटनेस में दो बार फेल गाड़ी को स्क्रैप घोषित कर दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था को पहली अक्तूबर से लागू कर दिया जाएगा।अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में छह वाहन स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इनके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी कर दिए गए हैं। स्क्रैपिंग सेंटर खुलने के बाद इन्हीं में गाड़ियों की स्क्रैपिंग होने लगेगी। वर्तमान में मेटल स्क्रैप ट्रेड स्क्रैपिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया में ऐसे वाहनों को भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 साल से ज्यादा उम्र की सरकारी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन रद्द कर दी गई है और उनको स्क्रैप में भेजा जा रहा है।
फैंसी नंबरों की बिक्री से कमाए 11 करोड़
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब एक नंबर की सीरीज को भी निजी वाहनों के लिए देने का फैसला लिया है। पहले यह सीरीज केवल सरकारी गाड़ियों के लिए रखी गई थी। इसके लिए पांच लाख से ज्यादा की बोलियां रखी गई हैं। प्रदेश में एक नंबर की सीरीज के पांच नंबर जारी किए जा चुके हैं जिनमें से एक 35 लाख में बिका है। अभी तक गाड़ियों के कुल 3155 फैंसी नंबर जारी किए जा चुके हैं जिनसे परिवहन विभाग को 11 करोड़ की आय हुई है।
घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को 5 हजार इनाम
अग्निहोत्री ने कहा कि दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को पुलिस तंग नहीं करेगी, बल्कि इन्हें अब 5 हजार रुपए का इनाम मिलेगा।