शिमला, 28 जून (हप्र)
मानसून ने पहाड़ों पर पहुंचते ही प्रचंड रूप धारण कर लिया है। मानसून के हिमाचल पहुंचने के पहले ही दिन कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा हुई जिससे कई स्थानों पर जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कहीं भूस्खलन से गाड़ियां मलबे में दब गई तो कहीं बिजली-पानी गुल हो गया। राजधानी शिमला में मानसून ने पहले ही दिन प्रचंड दिखाया और एक ही दिन में 136 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। राजधानी में हुई इस अतिभारी वर्षा से कई स्थानों पर जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ और इस वर्षा ने लोगों को एक बार फिर बीते वर्ष राज्य में आई भयंकर प्राकृतिक आपदा की याद ताजा कर दी।
शिमला और आस-पास जनजीवन अस्तव्यस्त
शिमला में अतिभारी बारिश से किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ लेकिन शहर में जगह जगह नालों में मलबा आने से अगर निगम के दावों की पोल खुल गई। शहर के नालों से जहां कूड़ा कर्कट और मलबा सड़क पर आकर बिखर गया वहीं दूसरी ओर मल्याणा सुराला सड़क पर मलबे में तीन गाड़ियां दब गई। यह गाड़ियां मल्याणा-सुराला सड़क पर नाले के पास पार्क की गई थी।
बीती रात हुई भारी बारिश से नाले में मलबा आ गया जिसकी चपेट नाले में खड़े तीनों वाहन आ गए। सुबह जैसे ही वाहन मालिक अपने वाहनों के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वाहन मलबे की दबे हुए हैं। इसके बाद मजदूरों की सहायता से वाहनों को मलबे से बाहर निकाला गया। मल्याणा बाईपास पर पहाड़ी गिरने से दो अन्य वाहन चपेट में आ गए। यह वाहन सड़क के किनारे पार्क किए गए थे। देर रात तेज बारिश के चलते पहाड़ी दरक गई जिसके चलते दो वाहन क्षति ग्रस्त हो गए।
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान गोहर में 42, बरठीं में 40, मशोबरा में 38, कुफरी में 24, शिलारू में 24, सराहन में 22, ठियोग में 20, करसोग में 18, काहु में 16, रामपुर में 16, राजगढ़ में 11 और कंडाघाट में आठ मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
आज दिन के समय भी राजधानी शिमला सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक से भारी वर्षा हुई। इस बीच मौसम विभाग ने 29 और 30 जून को राज्य के 8 जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह ऑरेंज अलर्ट बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के लिए जारी किया गया है। उधर कुल्लू व जिला के अन्य भागों में भी भारी बारिश दर्ज की गई है। कुल्लू-मनाली में सोमवार देर रात से बारिश हो रही है। मनाली के बुरुआ गांव के नाले में भारी बारिश से बाढ़ आ गई। इससे सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश से मंडी में हणोगी नाले में बाढ़ आ गई।