शिमला, 27 फरवरी (निस)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से संस्कृत भारती के क्षेत्रीय सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का आधार है और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने तथा प्रचारित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत प्राचीन भाषा है और विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा दुनिया को दिया गया यह सबसे बड़ा उपहार है। संस्कृत को अब विश्व में सबसे प्राचीन साहित्य वाली भाषा के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य का महासागर है और देव भाषा संस्कृत वेदों, शास्त्रों, काव्यों और अनेक ऐसे ज्ञानरूपी मोतियों का स्रोत है। जयराम ठाकुर ने कहा कि संस्कृत भाषाई, वर्ग, जाति, संप्रदाय और क्षेत्रीय विभाजन जैसे सामाजिक भेदों को दूर करने का सर्वाेत्तम साधन है। उन्होंने कहा कि देश के हर क्षेत्र के लोग आसानी से संस्कृत से जुड़ सकते हैं और यह देश को एकजुट करने का सर्वोत्तम साधन है। उन्होंने कहा कि दिव्य मातृभाषा संस्कृत विश्व की अनेक भाषाओं का स्रोत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत हमारी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रमुख आधार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मन की बात कार्यक्रम में संस्कृत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व की अनेक भाषाएं संस्कृत से विकसित हुई हैं।
संस्कृत एक दिव्य भाषा : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि संस्कृत भाषा एक दिव्य भाषा है जो विश्व को विश्व बंधुत्व और सहअस्तित्व की शिक्षा देती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दैनिक जीवन में संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शास्त्री अध्यापकों के अनेक पद भरे जा रहे हैं ताकि विद्यार्थी इस प्राचीन भाषा को सीख सकें।